राज्यPosted at: Feb 29 2020 6:39PM राजद्रोह मामले में हार्दिक पटेल के खिलाफ फिर से गैर जमानती वारंट जारीअहमदाबाद, 29 फरवरी (वार्ता) राजद्रोह के एक सनसनीखेज मामले की सुनवाई कर रही यहां की एक स्थानीय अदालत ने मुख्य आरोपी तथा पाटीदार आरक्षण आंदाेलन समिति (पास) के पूर्व संयाेजक और अब कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल के खिलाफ आज गैर जमानती वारंट को पुन:जारी (रिइश्यू) कर दिया। अतिरिक्त जिला जज बी जे गणात्रा की अदालत ने इसी मामले में गत सात फरवरी को यह वारंट जारी किया था। सुनवाई के दौरान बार-बार अनुपिस्थिति के चलते अदालत ने यह वारंट जारी किया था। हार्दिक आज भी अदालत में उपस्थित नहीं थे। अदालत ने इस मामले में सुनवाई की अगली तिथि सात मार्च तय कर दी। इसी अदालत ने गत 18 जनवरी को भी उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था जिसके चलते वह गिरफ्तार कर जेल भी भेजे गये थे। इस बार भी अदालत में सुनवाई के दौरान बिना ठोस कारण के अनुपस्थित रहने के चलते वारंट जारी किया गया है। ज्ञातव्य है कि वारंट दोबारा जारी ऐसे समय मेें हुआ है जब इस मुकदमें से एक तरह से संबंधित ही एक अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हार्दिक को कल गिरफ्तारी से छह मार्च तक अंतरिम राहत दी थी। हालांकि यह मामला उससे अलग है। अदालत में पेश नहीं होने के कारण ही हार्दिक के खिलाफ टंकारा के एक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने अप्रैल 2017 में बिना मंजूरी के सभा करने से जुड़े मामले में गैर जमानती वारंट जारी किया है और इसमें सुनवाई की अगली तिथि 27 मार्च रखी है। अहमदाबाद में 25 अगस्त 2015 को जीएमडीसी मैदान पर विशाल आरक्षण समर्थक रैली के बाद हुई हिंसा को लेकर दायर राजद्रोह के मुकदमे में पिछली बार 18 जनवरी को गैर जमानती वारंट जारी होने पर उसी दिन उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था। वह 24 जनवरी काे रिहा किये गये थे। इससे पहले अहमदाबाद की एक अन्य अदालत ने जीएमडीसी मैदान में 25 अगस्त 2015 की आरक्षण रैली के बाद सरकारी अधिकारियों से दुर्व्यवहार और बलवा करने से जुड़े एक अन्य मामले में उनकी अग्रिम जमानत अर्जी भी 29 जनवरी को खारिज कर दी थी। गुजरात हाई कोर्ट से भी उन्हें इस मामले में राहत नहीं मिली थी पर सुप्रीम कोर्ट ने कल इस प्रकरण में उनकी गिरफ्तारी पर छह मार्च तक रोक लगा दी थी। ज्ञातव्य है कि गत 23 जनवरी को राजद्रोह प्रकरण में गैर जमानती वारंट के रद्द होने के बाद जेल से छूटते ही हार्दिक को पुलिस ने दोबारा गिरफ्तार कर लिया था तथा गांधीनगर के माणसा और पाटन जिले के सिद्धपुर में बिना अनुमति के रैली करने से जुड़े दो अन्य मामलो में पेशी के बाद 24 जनवरी को छोड़ा था। उनके खिलाफ राजद्रोह के कुल दो मामलो समेत कई छोटे बड़े मामले दर्ज हैं।रजनीशवार्ता