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राज्य


गुजरात में बुधवार से होगा अनाज का वितरण

गांधीनगर, 31 मार्च (वार्ता) गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने राज्य के अंत्योदय और प्राथमिकता वाले परिवार यानी पीएचएच राशन कार्ड धारक 66 लाख परिवारों के 3.25 करोड़ लोगों को बुधवार एक अप्रैल से लगभग 17,000 सरकारी मान्यता प्राप्त उचित मूल्य की दुकानों से गेहूं, चावल, चीनी, नमक और दाल सहित अप्रैल महीने के अनाज का निःशुल्क वितरण के निर्देश दिए हैं।
श्री रूपाणी के सचिव अश्वनी कुमार ने मंगलवार को बताया कि इस अनाज वितरण व्यवस्था में भी नागरिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा के उद्देश्य से सामाजिक दूरी बनाए रखने का निर्देश दुकान संचालकों को दिए गए हैं। अनाज वितरण व्यवस्था को सुचारू रूप से सरलतापूर्वक से अंजाम देने तथा भीड़भाड़ से बचने के लिए मुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में चार लोगों की तथा शहरी क्षेत्रों में तीन लोगों की समिति बनाने का निर्देश दिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षक, पटवारी या ग्रामसेवक, गृह रक्षक दल या पुलिस तथा स्थानीय अग्रणी इस समिति में शामिल होंगे। शहरी क्षेत्रों में शिक्षक, सेवा संगठन के प्रतिनिधि और पुलिस की समिति बनाई जाएगी। दुकानदारों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि राज्य के सभी उचित मूल्य के दुकानदारों के पास उपलब्ध लाभार्थी ग्राहकों के मोबाइल नंबरों के डेटाबेस का उपयोग करते हुए 25-25 लाभार्थियों को फोन से सूचित कर पहले से समय देकर ही अनाज लेने के लिए बुलाया जाए। भीड़भाड़ और एक-दूसरे के संपर्क से तेजी से फैलने वाले कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए इस व्यवस्था के पालन की सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। राज्य में रोजीरोटी के लिए आकर बसे अन्य राज्यों के श्रमिकों, गरीब-अंत्योदय लोगों को भी लॉकडाउन के हालात में अनाज के बगैर न रहना पड़े उसके लिए और एक निर्णय लिया गया है। आगामी चार अप्रैल से ऐसे परिवारों को अन्नब्रह्म योजना के अंतर्गत सरकारी मान्यता प्राप्त उचित मूल्य की दुकानों से अनाज दिया जाएगा। ऐसे व्यक्ति-परिवारों की सूची संबंधित जिले के प्रशासनिक तंत्र ने तैयार की है।
श्री कुमार ने कहा कि राज्य में लॉकडाउन की स्थिति में नागरिकों को घर में रखे अनाज को पिसवाने तथा तैयार आटे की सुविधा मुहैया कराने के लिए शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित अनाज पीसने की चक्की को चालू रखने के निर्देश भी तंत्रवाहकों को दिए गए हैं। अन्य राज्यों से गुजरात में रोजगार और रोजी-रोटी के लिए आए श्रमिकों-कामगारों सहित राज्य के सुदूरवर्ती गांवों के श्रमजीवी वर्तमान स्थिति में अपने वतन या गांव वापस न लौटें, इसलिए उनके आश्रय एवं भोजन इत्यादि की व्यवस्था के लिए राज्य में विभिन्न स्थानों पर 40 करोड़ रुपए की लागत से आश्रय-राहत शिविर शेड बनाने को राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) से विशेष आवंटन किया है। ऐसे शेड बनाने के लिए अहमदाबाद को तीन करोड़, सूरत को 2.50 करोड़, वडोदरा, राजकोट और गांधीनगर को दो-दो करोड़ तथा अन्य जिलों को एक-एक करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
राज्य में लॉकडाउन की वर्तमान स्थिति में दूध, सागभाजी सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति जनता को पर्याप्त मात्रा में हो रही है। लॉकडाउन के सातवें दिन अर्थात मंगलवार सुबह राज्य में 45.74 लाख लीटर दूध का वितरण हुआ है। एक लाख 18 हजार 520 क्विंटल सागभाजी और 17,707 क्विंटल फल इत्यादि की आवक राज्य की मंडियों में हुई है। जिसमें 30,674 क्विंटल आलू, 32,804 क्विंटल प्याज, 8,792 क्विंटल टमाटर और 46,249 क्विंटल अन्य हरी सब्जियां शामिल हैं। फलों की बात करें तो 543 क्विंटल सेब, 777 क्विंटल केला और 16,386 क्विंटल अन्य फल उपलब्ध हैं। बेसहारा, बुजुर्ग, निःसहाय और एकाकी जीवन जीने वाले लोगों को खान-पान की सुविधा मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार ने स्वैच्छिक सेवा संगठनों के सहयोग से निःशुल्क भोजन- फूड पैकेट का वितरण शुरू किया है। अब तक कुल 12 लाख 59 हजार फूड पैकेट वितरीत किए गए हैं। नागरिकों को मुश्किल स्थिति में सहायता के लिए स्टेट कंट्रोल रूम की हेल्पलाइन नं. 1070 तथा जिला स्तर पर 1077 कार्यरत की गई है। इन दोनों हेल्पलाइन पर अब तक कुल 9,004 कॉल विभिन्न सहायता को लेकर प्राप्त हुए हैं जिसमें 1070 को 1,561 तथा जिला हेल्पलाइन 1077 को 7,443 कॉल मिले हैं। राज्य सरकार का प्रशासनिक तंत्र लॉकडाउन की वर्तमान स्थिति में नागरिकों को असुविधा से बचाने और आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं की सरलता से उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए निरंतर कार्यरत है।
अनिल राम
वार्ता
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