Tuesday, Apr 23 2024 | Time 21:11 Hrs(IST)
image
राज्य


मोदी ने गुजरात हाईकोर्ट की हीरक जयंती के अवसर पर कहा- न्याय तंत्र ने भलीभांति निभायी ज़िम्मेदारियां

अहमदाबाद, 06 फ़रवरी (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि संविधान के मूल्यों को जीवंत रखने के लिए न्याय तंत्र ने अपनी जिम्मेदारियों को भलीभांति निभाया है।
गुजरात उच्च न्यायालय के यहां आयोजित हीरक जयंती (डायमंड जुबली) समारोह को नयी दिल्ली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए श्री मोदी ने यह बात कही। उन्होंने उच्च न्यायालय की स्थापना के 60 वर्ष पूरे होने पर एक स्मारक डाक टिकट जारी किया। केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद, सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश तथा गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सहित विधि क्षेत्र की कई जानी-मानी हस्तियां इस मौके पर मौजूद थीं।
प्रधानमंत्री ने कहा न्यायपालिका ने सकारात्मक और रचनात्मक तरीके से भारतीय संविधान की व्याख्या कर उसे हमेशा मजबूती दी है। न्यायपालिका ने नागरिकों के अधिकार और स्वतंत्रता के क्षेत्र में अपनी भूमिका निभाकर कानून के शासन को स्थापित करने और उसे कायम रखने का
कार्य भी किया है। भारतीय समाज में कानून का शासन हमारी सभ्यता और सामाजिक ताने-बाने का आधार रहा है। सुशासन या सुराज के मूल में कानून का शासन है। इसी मंत्र ने हमारे स्वतंत्रता संग्राम में देशवासियों को नैतिक ताकत दी थी। इसी विचार को हमारे संविधान के निर्माताओं ने भी संविधान बनाते समय सर्वाधिक महत्व दिया था। हमारे संविधान की प्रस्तावना में कानून का शासन स्थापित करने का संकल्प ही व्यक्त किया गया है। इन महत्वपूर्ण सिद्धांतों को न्यायपालिका ने हमेशा ऊर्जा और दिशा दी है।
प्रधानमंत्री ने न्याय के मूलभूत उद्देश्यों को पूरा करने में विधिज्ञ संघ यानी बार की भूमिका की प्रशंसा भी की। उन्होंने जोर देकर कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर की न्याय व्यवस्था स्थापित करने की जिम्मेदारी कार्यपालिका और न्यायपालिका दोनों की है, जो समाज की कतार में खड़े आखिरी व्यक्ति को भी समय पर न्याय मिलने का भरोसा देगी।
श्री मोदी ने कोरोना महामारी के मुश्किल दौर के दौरान न्यायपालिका की प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने कहा कि गुजरात उच्च न्यायालय ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई को जल्द से जल्द शुरू किया, एसएमएस कॉल-आउट, केस की ई-फाइलिंग और ‘ई-मेल माई केस स्टेटस’ जैसी पहलों को न सिर्फ अपनाया बल्कि परिवर्तन और टेक्नोलॉजी के स्वीकार की क्षमता को भी प्रदर्शित किया है। कोर्ट ने यू-ट्यूब पर उसके डिस्प्ले बोर्ड का प्रसारण भी शुरू किया था तथा वेबसाइट पर अपने फैसलों और आदेशों को भी अपलोड किया था। गुजरात उच्च न्यायालय देश की पहली अदालत बनी थी, जिसने कोर्ट की कार्यवाही का स्ट्रीमिंग किया था।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर संतोष जताया कि कानून मंत्रालय के ई-कोर्ट्स इंटीग्रेटेड मिशन मोड प्रोजेक्ट के जरिए डिजिटल आधारभूत सुविधाएं स्थापित हुई हैं। श्री मोदी ने बताया कि अभी देश में 18 हजार से अधिक कोर्ट कंप्यूटराइज्ड हो चुके हैं और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा टेली-कॉन्फ्रेंसिंग तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग को कानूनी मंजूरी मिलने के बाद कोर्ट में ई-कार्यवाही को नई गति मिली है।
रजनीश
जारी वार्ता
More News
लोकसभा चुनाव में कोई मोदी लहर नहीं है: सिद्दारमैया

लोकसभा चुनाव में कोई मोदी लहर नहीं है: सिद्दारमैया

23 Apr 2024 | 9:10 PM

बेंगलुरु, 23 अप्रैल (वार्ता) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने मंगलवार को कहा कि देश में लोकसभा चुनाव में कोई मोदी नहीं है, यदि कोई लहर है, तो वह कांग्रेस की ‘गारंटी लहर’ है।

see more..
image