राज्यPosted at: Oct 18 2021 8:16PM गुजरात विद्यापीठ में 67वां दीक्षांत समारोह आयोजितअहमदाबाद, 18 अक्टूबर(वार्ता) गुजरात विद्यापीठ का 67वां दीक्षांत समारोह और 102वां स्थापना दिवस कुलपति डॉ इलाबेन भट्ट की अध्यक्षता में रविवार को आयोजित किया गया। गुजरात विद्यापीठ के कुल नायक डॉ राजेन्द्र खीमाणी ने बताया कि गुजरात विद्यापीठ का 67वां दीक्षांत समारोह और 102वां स्थपना दिवस आज सुबह अहमदाबाद के आश्रमरोड स्थित विद्यापीठ परिसर में आयोजित हुआ। दीक्षांत समारोह में 1665 छात्र और छात्राओं को उपाधि प्रदान की गयी। इस अवसर पर अहमदाबाद यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर और बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट के चेयरमैन प्रो. पंकज चंद्रा ने कहा, “मैं तीन परिवर्तनों की बात कहना चाहता हूं। जो कि हमारे जीने का तरीका, सोचने का तरीका और काम करने पर असर करते हैं। पहला परिवर्तन टेक्नोलॉजी का, दूसरा शहरी करण और तीसरा लोकशाही का है। टेक्नोलॉजी ने एक दूसरे को करीब ला दिया है जिससे एक दूसरे के क्लॉन बन गए हैं। शहरी करण में देश के आधे से ज्यादा लोग शहरों में रहते हैं। गांवों में टेक्नोलॉजी तो पहुंची है लेकिन व्यवसाय, नौकरी और प्राथमिक सुविधाओं से अभी भी ग्रामीण लोग वंचित हैं। लोकशाही जिसमें अपने विचाराें को व्यक्त करने के अधिकारों की रक्षा करना चाहते हों तो उन लोगों के विचारों की भी हमें रक्षा करनी होगी जिनके विचारों से हम असहमत हैं।” गुजरात विद्यापीठ की कुलपति डॉ इलाबहेन भट्ट ने इस मौके पर अहिंसा पर अपने विचार व्यक्त किए और अहिंसक समाज के निर्माण की आशा जतायी। अनिल.श्रवण वार्ता