राज्यPosted at: Nov 3 2016 3:39PM लोकरूचि-पद्मावती शोध दो अंतिम बागपतसूत्रों का दावा है कि हार्दिक पटेल या राजपूत करणी सेना को शायद पता नहीं था कि इस फिल्म की मूल कहानी पर शोध कार्य आज से 15 साल पहले खेकडा स्थित अंग्रेजों के जमाने की ऐतिहासिक पुस्तकालय में हो गया था। बागपत के खेकडा में जन्मे प्रख्यात इतिहासकार तेजपाल सिंह धामा ने पद्मावती पर 15 साल पहले ऐतिहासिक शोध ग्रंथ तैयार किया था, जो पूर्णतः प्रामाणिक तथ्यों पर आधारित है। भंसाली प्रोडक्शन के सूत्रों ने फोन पर इस बात की पुष्टि की है कि तेजपाल सिंह धामा के साथ भंसाली प्रोडक्शन ने एक समझौता पत्र (एग्रीमेंट लेटर) साइन किया है, जिसके तहत पद्मावती पर किए गए उसके शोध कार्य के फिल्मांकन के तमाम कापीराइट खरीद लिए गए हैं। तेजपाल सिंह धामा से फोन पर संपर्क करने पर उन्होंने केवल इतना कहा कि किसी फिल्मकार ने मुझसे कापीराइट लिए तो हैं, लेकिन आगे उन्होंने इस विषय में कुछ भी बात करने से इंकार कर दिया। हांलाकि उन्होंने स्पष्ट किया कि 15 साल पहले पदमिनी पर शोध कार्य किया गया था, जो फिल्म निर्माण के लिए सौंप दिया गया है। गौरतलब है कि 180 करोड रूपयेे बजट से बनाई जाने वाली इस फिल्म से इरोज इंटरनेशनल ने हाथ खींच लिया है। अब संजय लीला भंसाली के साथ इस फिल्म को वाइकॉम 18 सह प्रोड्यूसर के तौर पर काम कर रहा है। सं दिनेश प्रदीप वार्ता