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राज्य


स्वच्छ पेयजल की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी

जयपुर 28 मार्च (वार्ता) राजस्थान विधानसभा में क्षतिग्रस्त पाइप लाईनों और दूषित पेयजल आपूर्ति के मुद्दे को लेकर सत्तारूढ दल के सदस्यों ने ही आज सरकार को घेरा।
भाजपा के शैतान सिंह ने प्रश्नकाल में पोकरण विधानसभा क्षेत्र में क्षतिग्रस्त पाइप लाईनों का मुद्दा उठाते हुये कहा कि इस इलाके में पानी के लिये आम जनता को काफी परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि यह इलाका हैँडपंप आधारित है और कई हैँडपंप काम भी नही कर रहे है। ऐसे में क्षेत्र की जनता को पेयजल उपलब्ध कराने के लिये डिग्गिायों का निर्माण कराया जाये और पाईप लाईनों को भी दुरूस्त कराया जाये।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री सुरेन्द्र गोयल ने जवाब देते हुये कहा कि सरकार स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए संकल्पित है। उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि रेगिस्तानी क्षेत्र सहित जहां भी पेयजल की किल्लत होगी, वहां टैंकरों और अन्य स्रोतों के जरिए पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पोकरण में 113 आंशिक क्षतिग्रस्त जलाशयों के लिए 16.43 लाख रुपए और 11 पूर्णतया क्षतिग्रस्त और 4 स्वच्छ जलाशयों केे लिए 81.81 लाख रुपए की स्वीकृति जारी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में 49 सोलर पंप की स्वीकृतियां और कार्यादेश भी पूर्व में जारी कर दिए हैं।
उन्होंने कहा कि सीमावर्ती तथा जनजाति क्षेत्रों में तीन हजार की आबादी पर और सामान्य क्षेत्रों में चार हजार की आबादी पर पाइप लाइन स्कीम की स्वीकृति दी जाती है। इससे कम की आबादी पर पाइप लाइन की स्वीकृति नहीं दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि जल है तो कल है। जल को बचाना हम सबका कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कहीं भी जल की बरबादी होगी तो विभाग तुरंत कार्यवाही करेगा।
उन्होंने कहा कि पोकरण विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में 205 डिग्गिायां चालू हैं और एक 41 हजार लीटर भराव क्षमता की डिग्गी का निर्माण हाल ही किया गया है। उन्होंने कहा कि पांच अन्य गांवों में भी डिग्गिायों के प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। उन्होंने कहा कि पोकरण-फलसूण्ड पेयजल परियोजना के जरिए 177 गांवों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने की योजना है। उन्होंने आश्वस्त किया कि जून, 2018 तक सभी गांवों को पेयजल उपलब्ध करा दिया जाएगा।
भाजपा के ही पब्बा राम ने कहा कि गर्मी के समय में क्षेत्र में ट्यूबवैल भी बंद हो जाते है एसेे में जनता को टेंको के माध्यम से पेयजल आपूर्ति की समुचित व्यवस्था करायी जाये। उन्होंने क्षतिग्रस्त पाइप लाइनों के लिये दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग भी की ।
उन्होंने कहा कि विधान सभा क्षेत्र पोकरण के ग्रामीण क्षेत्र की 124 पेयजल योजनाओं अतंर्गत निर्मित कुल 760 भू-तल जलाशयों में से 21 पेयजल योजनाओं में कुल 124 भू-तल जलाशय वर्तमान में क्षतिग्रस्त हैं। उन्होंने कहा कि इन 124 भू-तल जलाशयों में से 113 भू-तल जलाशय आंशिक रूप से तथा 11 भू-तल जलाशय पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हैं। उन्होंने इसका योजनावार विवरण सदन के पटल पर रखा।
अजय रमेश
वार्ता
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