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राज्य


पेयजल की जांच और सफाई सतत प्रक्रिया-गोयल

जयपुर 28 मार्च (वार्ता) कांग्रेस के विधायक मेवाराम जैन ने आज विधानसभा में बाडमेर में क्षतिग्रस्त पाईप लाइनों और गंदे पानी की आपूर्ति को लेकर सरकार को घेरा।
श्री जैन ने प्रश्नकाल में यह मुद्दा उठाते हुये कहा कि क्षतिग्रस्त पाईप लाईनों से सीवर लाईनों के मिलने से क्षेत्र में उल्टी दस्त और कैंसर जैसे रोग बढ रहे है और अधिकारी क्षतिग्रस्त लाईनों को दुरस्त करने में लापरवाही बरत रहे है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में दूषित जल के नमूने नहीं लिये जा रहे है और न उनकी जांच की जा रही है।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री सुरेन्द्र गोयल ने जवाब देते हुये कहा कि पानी की जांच के लिए प्रयोगशालाएं सतत काम कर रही हैं और जलाशयों में सफाई का काम निरंतर हो रहा है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
उन्होंने कहा कि बाड़मेर में हाल ही क्षतिग्रस्त लाइनों को बदलने का काम किया गया है इसके बावजूद भी यदि कहीं भी लीकेज पाया जाता है तो उसे दुरुस्त कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में कहीं भी उल्टी-दस्त होने की जलदाय विभाग को कोई सूचना नहीं है और यदि कोई शिकायत मिलती है तो मामले की जांच कर कार्यवाही की जायेगी।
उन्होंने आंकडे देते हुये कहा कि विभाग ने 257 रासायनिक जांच की और सभी संतोषजनक पाई गई। इसी तरह 1080 का जैविक परीक्षण किया गया जिसमें से 1037 संतोषजनक पाए गए और 1984 अवशेष जांच की गई जिसमें से 1958 जांच में सही पाए गए।
उन्होंने कहा कि बाड़मेर लिफ्ट वृहद् पेयजल परियोजना अंतर्गत आमजन को उपलब्ध कराए जा रहे पेयजल की गुणवत्ता के मानदंड भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय द्वारा जारी सीपीएचईईओ मैन्युअल के अनुरूप तय किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस पेयजल परियोजना के अंतर्गत श्रीमोहनगढ़ में उपलब्ध हो रहे रॉ-वाटर एवं शोधित जल की गुणवत्ता का रासायनिक एवं जीवाणु परीक्षण मोहनगढ़ हैडवर्क्स स्थित प्रयोगशाला में नियमित रूप से किया जाकर इस परियोजना से स्वच्छ पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
अजय
जांगिड़
वार्ता
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