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राज्य


टीकाकरण से जगी इंसेफेलाइटिस से निजात मिलने की आस

देवरिया,27 मई (वार्ता) करीब चार दशक से मस्तिष्क ज्वर का दंश झेल रहे पूर्वी उत्तर प्रदेश के बाशिंदो को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विशेष पहल पर इंसेफेलाइटिस टीकाकरण से उम्मीद की किरण जगी है।
पूर्वांचल के 12 जिलों और पड़ोसी देश नेपाल एवं पडोसी राज्य बिहार के कुछ जिलों में जापानी इंसेफेलाइटिस यानी दिमागी बुखार से अब तक हजारों मासूम असमय काल के ग्रास बन चुके हैं।
इंसेफेलाइटिस से बचाने के लिये श्री योगी ने कुशीनगर से 25 मई को टीकाकरण अभियान का उद्घाटन करते हुये कहा था कि अब पूर्वांचल के मासूम असमय ही इंसेफेलाइटिस नामक बीमारी के गाल के गाल नहीं बनेंगे। इसके प्रकोप को कम करने के लिये सरकार ने कमर कस लिया है। अब राज्य के करीब 37 जिलों में इस बीमारी के समूल विनाश के लिये टीकाकरण का अभियान शुरू कर दिया गया है। जिसमें 14 वर्ष तक बच्चों को टीका सरकारी विभाग के द्वारा लगाया जा रहा है।
गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर के सांसद रहते हुये इस बीमारी के रोकथाम को लेकर संसद में कई बार आवाज उठायी थी। अब चूंकि योगी आदित्यनाथ अब सूबे के मुख्यमंत्री हैं और लोगों को आशा है कि महत्वपूर्ण टीकाकरण अभियान से लोगों को इस बीमारी से निजात मिलेगी।
गैर सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले चार दशकाें में इंसेफेलाइटिस से करीब एक लाख से ज्यादा मासूम काल के गाल में चले गये। इस बीमारी से निपटने के लिये पहली बार वर्ष 2006 में टीकाकरण की शुरुआत की गयी थी। लेकिन यह टीकाकरण अभियान धरातल पर कम कागजों में ज्यादा पर दिखा था।
विशेषज्ञों के अनुसार यह बीमारी दूषित पेय जल से ज्यादा जोर पकड़ती है। पूर्वांचल के करीब बारह जिलों देवरिया, कुशीनगर, गोरखपुर, महराजगंज, बस्ती, सन्तकबीर नगर, सिद्धार्थ नगर, मऊ,गाजीपुर, आजमगढ़, फैजाबाद और बहराइच के गांवों और कस्बों में शुद्ध पेयजल का अभाव है। आज भी यहां लोग चापा कल का पानी पीने को मजबूत हैं।
सं प्रदीप
वार्ता
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