राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Nov 11 2018 3:19PM खेल मुजफ्फरनगर टेनिस दो अंतिम मुजफ्फरनगरइसके आयोजन को लेकर जहां आयोजन समिति करोड़ों रूपये खर्च करती है वहीं, महिला खेलों को बढ़ावा देने के लिए महिला सशक्तिकरण की भी मिसाल पेश करती है। मुजफ्फरनगर यूं तो कई मायनों में अपनी पहचान का मोहताज नहीं है लेकिन इस जिले की यह बदकिस्मती भी रही है कि इसकी नकारात्मक छवि अधिक रही है जबकि सकारात्मक छवि उसकी तुलना में लोगों के दिलो जहन में अभी भी कम ही है। हालांकि राजनीतिक गलियारों में इस समय मुजफ्फरनगर को लक्ष्मीनगर बनाने की मांग की जाती रही हो और उसके लिए जनप्रतिनिधि से लेकर पक्ष विपक्ष आमने सामने हो लेकिन टेनिस का यह जुनून इन सब मामलों से इत्तेफाक नहीं रखता क्योंकि इस टेनिस को जो मुजफ्फरनगर में देना है वह उसको दे चुका। वर्ष 2002 से शुरू हुए इस टेनिस के महाकुम्भ में अब कारवां बढ़ता जा रहा है और देश विदेश की सीमाओं तोड़कर आईटीएफ लंदन के आफिस से निकलकर इस मुजफ्फरनगर का नाम टेनिस जगत में केवल इसलिए धूम मचा रहा है कि मुजफ्फरनगर में भावना स्वरूप मैमो. महिला टेनिस का लगातार सफलता के साथ यहां आयेाजन होना अपने आप में एक हैरत भरा संदेश भी है कि आखिर मुजफ्फरनगर की यह नई छवि किसने और कैसे बदल दी क्योंकि जिस नकारात्मक छवि से पिंड छुडाने के लिए मुजफ्फरनगर के लोग काफी अरसे से बेताब है वहीं मुजफ्फरनगर के सर्विस क्लब में इस अंतराष्ट्रीय टेनिस टूर्नामेंट में इस छवि को हर टेनिस की बोल के साथ धो डाला।सं प्रदीपवार्ता