अयोध्या, 12 नवम्बर (वार्ता) विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) विवादित श्रीरामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण में हो रही देरी को लेकर में 25 नवम्बर को अयोध्या में धर्मसभा का आयोजन करेगी।
विहिप के अन्तर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चम्पत राय ने सोमवार को यहां पंचकोसी परिक्रमा मार्ग पर स्थित बड़ा भक्तमाल की बगिया में संवाददाताओं से कहा कि भगवान राम की जन्मभूमि कभी बदली नहीं जाती और न ही वह दो-चार हो सकती है । जन्मस्थान एक है,मंदिर भी वहीं बनेगा ।
उन्होंने कहा कि 25 नवम्बर को इसी बाग में होने वाले धर्मसभा के लिये आज संत-धर्माचार्यों द्वारा भूमि-पूजन भी किया गया । इस सभा में शामिल होने के लिये लखनऊ, कानपुर, सीतापुर, हरदोई, लखीमपुर और उत्तराखण्ड से लाखों हिन्दू आ रहे हैं । उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय की उस बात से हिन्दू समाज आहत हुआ है जिसमें कहा गया है कि राम मंदिर विषय से ज्यादा प्राथमिकताएं न्यायालय के सामने हैं । इस एक वाक्य ने सारे देश को मथकर रख दिया और उसी का परिणाम है कि यह धर्मसभा अयोध्या में आयोजित करने का निर्णय लिया गया है , जिसमें संत-धर्माचार्य सहित रामभक्त लाखों की संख्या सम्मिलित होंगे।
श्री राय ने बताया कि अयोध्या का संत समाज एवं भक्त पांच सौ वर्षों से रामजन्मभूमि के लिये लगातार संघर्ष कर रहा है। ताला खुलने के बाद सारा देश राममंदिर के आन्दोलन में सम्मिलित हो गया था। तीन लाख गांव रामजन्मभूमि के साथ जुड़े तथा करोड़ों घरों तक मंदिर का प्रारूप पहुंचाया गया था ।
उन्होंने ने कहा कि इसके अलावा रामभक्तों द्वारा जो धन इकट्ठा किया गया । राम मंदिर में लगने वाले पत्थर आधे से ज्यादा तराशे जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि सन् 1885 में राम मंदिर के लिये पहला वाद चला था। आजादी के बाद 1950 के बाद से इसके लिये मुकदमे चलने लगे और 15 सालों तक उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ में मुकदमा चला और फैसला भी हुआ ।