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मिट्टी की जांच के टेंण्डर में करोड़ों की गडबड़ी, नौ अधिकारी निलंबित

मिट्टी की जांच के टेंण्डर में करोड़ों की गडबड़ी, नौ अधिकारी निलंबित

लखनऊ  14 नवम्बर (वार्ता) उत्तर प्रदेश सरकार ने मृदा परीक्षण अभियान के तहत   चार कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाने के आरोप में कृषि विभाग के नौ  अधिकारियों को  निलंबित कर दिया है।


        राज्य के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बुधवार को अपने आवास पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया  कि वर्ष 2017-18 के लिए मृदा परीक्षण के लिए आउटसोर्सिंग के तहत निजी  कंपिनयों से मिट्टी जांच कराने के लिए टेंडर मांगे गये थे । उन्होंने बताया  कि विभाग के अधिकारियों ने  टेण्डर प्रक्रिया में कुछ ऐसी शर्ते शामिल की  जिससे कुछ खास कंपिनयों को ही टेंण्डर मिल सके ।

        उन्होंने बताया  कि शिकायत मिलने पर कृषि उत्पादन आयुक्त से मामले की जांच कराई गई। जांच  रिपोर्ट के बाद इस मामले से जुड़े नौ अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है  ।

    श्री शाही ने बताया कि निलंबित अधिकारियों में पांच मण्डलों  के निविदा समिति के अध्यक्ष हैं । निलंबित अधिकारियों में लखनऊ कृषि  निदेशालय में तैनात संयुक्त कृषि निदेशक (शोध एवं मृदा सर्वेक्षण) पंकज  त्रिपाठी के अलावा बेरली मण्डल के निविदा समिति के अध्यक्ष एवं उप कृषि  निदेशक विनोद कुमार, मुरादाबाद मण्डल के  अध्यक्ष एवं उप कृषि निदेशक डा0  अशोक कुमार , अलीगढ़ मण्डल के अध्यक्ष एवं संयुक्त कृषि निदेशक जुगेन्द्र  सिंह राठौर, सहारनपुर मण्डल के निविदा के अध्यक्ष एवं उप कृषि निदेशक राजीव  कुमार, झांसी मण्डल के अध्यक्ष एवं उप कृषि निदेशक रात प्रताप ,मेरठ के  मण्डल अध्यक्ष एवं उप कृषि निदेशक सुरेश चन्द्र चौधरी , अलीगढ़ में तैनात  उप कृषि निदेशक एवं प्रभारी सहायक निदेशक (मृदा परीक्षण/कल्चर) देव शर्मा  और बरेली में तैनात सहायक निदेशक (मृदा परीक्षण) संजीव कुमार शामिल हैं ।

      उन्होंने बताया कि जांच में पता चला कि इन अधिकारियों ने जिन चार कंपनियों  को टेण्डर दिलाने में मदद की उन्हें ब्लैक लिस्ट किया जा रहा है । इसके  साथ ही दो मण्डलों में कंपनियों को किये गये करोड़ों के रुपये के भुगतान की  वसूली भी कराई जायेगी । 

    श्री शाही ने बताया कि निलंबित  अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच भी कराई जायेगी। उन्होंने बताया कि  आरोपी कंपनियों ने करीब 50 हजार नमूनों का अंवैधानिक प्रमाण पत्र भी दिया।  अवैधानिक प्रमाण पत्र जारी करने पर उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जायेगी। 

त्यागी भंडारी

वार्ता

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