राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Nov 16 2018 12:23PM कुंभ में पहली बार अखाड़े बसाये जायेंगे गंगा पार
प्रयागराज,16 नवम्बर (वार्ता) विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन कुंभ में पहली बार अखाड़े गंगा पार बसाये जायेंगे।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा कि गंगा में कटान के कारण गंगा, श्यामल यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम पर एक साथ सभी अखाड़ों को बसाने के लिए प्रर्याप्त भूमि नहीं होने के कारण साधु संतों ने मेला प्रशासन को गंगा पार डेरे लगाने के लिए अपनी मंजूरी दी है।
बाघम्बरी गद्दी में देर शाम तक चली आपात बैठक में सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। इससे पहले मेला प्रशासन और परिषद के पदाधिकारियों ने गंगा के दोनो तरफ भूमि का मुआयना किया था और वह किसी भी सूरत में गंगा पार झूंसी में ड़ेरा लगाने के लिए तैयार नहीं थे। कुंभ मेला प्रशासन के काफी मान मान मनौव्वल के बाद आपात स्थिति को देखते हुए अखाड़ा परिषद ने सर्वसम्मति से गंगा पार जाने के लिए अपनी सहमति दी।
महंत ने कहा कि मेला सभी लोगों का है। अखाड़ा परिषद मेला करने के लिए कभी बाधा नही ड़ालती। उन्होंने कहा कि लोगों को भ्रम है कि सरकार करोड़ो रूपया संतो के लिए खर्च कर रही है, यह बात गलत है। कुंभ में आने श्रद्धालुओ को सुविधा उपलब्ध कराने के लिये सरकार प्रयासरत है। उसमें से कुछ अंश संत महात्माओं के लिए भी खर्च हो रहा है।
संत समिति के अध्यक्ष द्वारा मनमानी ढंग से कार्य करने का आरोप लगाते हुए दिल्ली में हाल ही में हुई बैठक में किन्नर अखाड़े को शामिल करने पर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होने कहा संत समिति की बैठक में अखाड़ा परिषद का जो भी साधु उस बैठक में शिरकत करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।
उन्होंने कहा कि आगामी चार और पांच दिसम्बर को अयोध्या में एक विशाल संत सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा। इस सम्मेलन से वहां आम सहमति बनाकर यह प्रयास होगा कि श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू कराया जाये।
दिनेश भंडारी
जारी वार्ता