राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Nov 16 2018 11:32AM उत्तर प्रदेश-अखाड़ा भूमि दो अन्तिम प्रयागराजअखाड़ा परिषद के महामंत्री हरिगिरी महराज ने कहा कि बैठक में अखाड़ों को गंगा पार बसाने के निर्णय पर सहमति बनी है। अखाड़ा परिषद ने मेला प्रशासन को गंगा पार बसने की अपनी सहमति दी। संतों की शर्त यह होगी कि अखाड़ा की जमीन जो इस पार थी वह बनी रहेगी। विशेष आपातकाल स्थिति में यह अस्थायी सहमति दी गयी है। महंत ने कहा कि मेला प्रशासन, जिला प्रशासन और सरकार यह कतई कोशिश न/न करे संतों के अखाड़े की जमीन किसी और को दे दी जाये। प्राचीन परंपरा के अनुसार अखाड़ों की जमीन इस पार थी, है और रहेगी। एक सवाल के जवाब में महामंत्री ने कहा अखाड़ा हमेशा से अयोध्या में श्रीराम मंदिर का समर्थन करती है और करती रहेगी। उनका कहना है जिसका अधिकार है उस अधिकार को उन्हें प्रदत्त किया जाये इसमें किसी अन्य की दखल नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अयोध्या में अगर श्रीराम को छोड़ देंगे तो कहां जायेंगे। शरीर के अन्दर रमने वाला रक्त ही ‘राम’ हैै। उन्होने कहा कि अखाड़ा परिषद ऐसा संगठन है जो सैकड़ों सालों से साधु संतो की रक्षा करता आ रहा है। तीर्थों का देखभाल करना,सुदृढ़ी करना, और किसी भी प्रकार के मतभेद को आपसी सुलह समझौता और भाईचारे से सुलह कराने का काम करता आया है। उन्होंने कहा कि परिषद में हिटलरशाही की कभी जगह नहीं थी और न/न ही भविष्य में रहेगी।दिनेश भंडारीवार्ता