राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Dec 6 2018 5:45PM नाईक एवं योगी ने डाॅ0 भीमराव आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर की श्रद्धांजलि अर्पित
लखनऊ 06 दिसम्बर (वार्ता) उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नेे गुरुवार को भारत रत्न बोधिसत्व डाॅ0 भीमराव आंबेडकर के 63वें परिनिर्वाण दिवस पर अपनी तथा प्रदेश की जनता की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके अस्थि कलश के दर्शन किये।
इस मौके पर आंबेडकर महासभा में आयोजित कार्यक्रम में श्री नाईक ने कहा कि प्रतिज्ञा करें कि डाॅ0 भीमराव आंबेडकर ने संविधान द्वारा नागरिकों को जो दायित्व और अधिकार दिये हैं उसका लाभ समाज के अंतिम पायदान पर बैठे हुये व्यक्ति तक पहुंचे जिससे उसे लगे कि स्वराज है। बाबा साहब संविधान के शिल्पकार हैं यह कहना आसान है, पर सबकी सुनकर और सहमति के आधार पर संविधान का निर्माण करना वास्तव में मुश्किल काम है।
उन्होंने कहा कि बाबा साहब का मानना था कि हमें छोटी-छोटी बातों पर उलझना या टकराना नहीं चाहिये बल्कि सौहार्दपूर्ण तरीके से समस्या का हल निकालने का प्रयास करना चाहिये। डाॅ0 भीमराव आंबेडकर ने न केवल देश को संविधान रूपी शक्ति प्रदान की बल्कि सामाजिक न्याय की दृष्टि भी दी। उन्होंने कहा कि जब तक देश में जनतंत्र है बाबा साहब का दिया हुआ संविधान हमारा मार्गदर्शन करेगा।
श्री नाईक ने कहा कि डाॅ0 आंबेडकर का मानना था कि शिक्षा से ही परिवर्तन लाया जा सकता है। स्वयं बाबा साहब ने जिन परिस्थितियों में प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त की तथा बाद में विश्व के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों से शिक्षा ग्रहण की उससे प्रेरणा प्राप्त करने की आवश्यकता है। शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान अविस्मरणीय है। बाबा साहब ने समाज के दबे-कुचले एवं वंचित लोगों के उन्नयन का जो संकल्प लिया था उसके लिये वे आजीवन प्रयासरत रहे। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ऐसे महापुरूष है जिन्हें धर्म, वर्ण एवं भाषा की परिधि में नहीं बांधा जा सकता है।
त्यागी
जारी वार्ता