राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Dec 14 2018 6:21PM राजनीति योगी राफेल दो अंतिम लखनऊरक्षा सौदों में जनहित याचिका की परंपरा को उचित नहीं ठहराते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यायालय को याचिकाओं की मेरिट तय करने की जरूरत है। रक्षा और विकास से जुड़े मामलों में जनहित याचिकाओं पर अदालतों को विचार करने करना चाहिये। श्री योगी ने कहा कि वर्ष 2007 से 2014 के बीच केन्द्र में कांग्रेस की सरकार थी मगर उस दौरान राफेल सौदा परवान नहीं चढ सका। दरअसल भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबी तत्कालीन कांग्रेस सरकार को क्वात्रोची और मिशेल जैसे दलालों की तलाश थी मगर राफेल के मामले में यह संभव नहीं हो सका। बाद में मोदी सरकार ने बगैर बिचौलिये के सीधे सरकारी स्तर पर सौदे को अंजाम दिया जो कांग्रेस को नागवार गुजरा और उसने यह बखेड़ा खड़ा किया। मोदी सरकार द्वारा संवैधानिक संस्थाओं के एकाधिकार पर अतिक्रमण करने के विपक्ष के आरोप को बेबुनियाद बताते हुये उन्होने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा करने के लिये कृतसंकल्प है और संवैधानिक संस्थाओं का पार्टी पूरा सम्मान करती है। इस तरह के अनर्गल आरोप लगाने वाली कांग्रेस के बारे में पूरे देश को पता है कि उसने आपातकाल की घोषणा कर किस तरह लोकतांत्रिक मर्यादाओं पर चोट पहुंचायी। श्री योगी ने कहा कि रामजन्मभूमि मामले में उच्चतम न्यायालय में कांग्रेस के तमाशे से सब वाकिफ है। यहां तक कि न्यायाधीशों को धमकाया गया और उनके खिलाफ महाभियोग तक की चेतावनी कांग्रेस ने ही दी थी। कांग्रेस एक तरफ लोकतांत्रिक मूल्यों के सम्मान की बात करती है तो दूसरी ओर उसका मजाक उडाने का कोई अवसर हाथ से जाने नही देती।प्रदीपवार्ता