जौनपुर , 12 जनवरी (वार्ता) योग गुरु स्वामी रामदेव ने शनिवार को कहा कि युवाओं को सच्चे मार्ग पर चलने का आवाहन करते हुये कहा कि शरीर से बलवान, मस्तिष्क से प्रज्ञावान, हृदय से श्रद्धावान, ऐश्वर्य से धनवान और आचरण से चरित्रवान बनने से देश को महानता के शिखर पर पहुंचाने का संकल्प लेना चाहिये।
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में स्वामी विवेकानंद की जयंती पर आयोजित राष्ट्रीय युवा दिवस में शिरकत करते हुये स्वामी ने कहा कि देश में ज्ञान, विज्ञान, अनुसन्धान की कमी नहीं है लेकिन विश्वगुरु बनने के लिए हमें अखंड, प्रचंड पुरुषार्थ की जरूरत है। यह युवा ही दे सकते है। इसके लिए विवेकानंद के ध्येय वाक्य ‘उठो, जागों और तब तक चलते रहो जब तक मंजिल न मिल जाये’ के अनुसरण की जरूरत है। यह कार्य योग से मजबूत किये शरीर के बिना संभव नहीं है।
उन्होंने युवाओं को संकल्प दिलाया कि हम कभी जात -पात ,मजहब के आधार पर भेदभाव नहीं करेंगे। इस मौके पर जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरि जी महाराज ने कहा कि योग ही संसार की भोगवृत्ति को मिटाता है। हमारे देश के युवाओं में आत्मबल और चरित्रबल है जिसमें हमारी पहचान है जबकि पाश्चात्य संस्कृति की पहचान सुन्दर पैकिंग में है। उन्होंने कहा कि युवा नौकरी के पीछे भागना छोड़ कर मालिक बने। स्वरोजगार को अपनाएं।
कुलपति प्रो डॉ राजाराम यादव ने कहा कि भारत आध्यात्मिक राष्ट्र है लेकिन पश्चिम के देश आर्थिक प्रगति कर रहे है। इसके लिए हमने स्वामी विवेकानंद के विचारों से सीख लेने की जरुरत है। उन्होंने देश भक्ति के गीत सुनाये। उन्होंने कहा कि हमारे यहां के विद्यार्थियों में वसुधैव कुटुंबकम की भावना होनी चाहिए तभी हम विश्व का नेतृत्व कर सकेंगे।