Thursday, Apr 25 2024 | Time 04:11 Hrs(IST)
image
राज्य » उत्तर प्रदेश


वेदान्त भारत का जीवन दर्शन : रविशंकर

गोरखपुर 12 जनवरी (वार्ता) दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर के भौतिकी विभाग के प्रोफेसर रविशंकर सिंह ने आज कहा कि धर्म भारत की आत्मा है और वेदान्त भारत का जीवन दर्शन है।
प्रोफेसर सिंह ने आज महाराणा प्रताप पी.जी. कालेज, जंगल धूसड़, गोरखपुर में आयोजित भारत-भारती पखवारा का उद्घाटन एवं विवेकानन्द जयन्ती समारोह में बोलते हुए कहा कि भारतीय धर्म दर्शन की ताकत से विश्व को स्वामी विवेकानन्द ने परिचित कराया और उनके दर्शन में भारत की वर्तमान चुनौतियों का समाधान है।
स्वामी विवेकानन्द ने छुआ-छूत जैसे सामाजिक अभिशाप को भारत के पिछड़ापन का कारण मानते हुए उन्होंने कहा कि बिखरी हुई शक्ति और बिखरे हुए समाज को संगठित करके भारत पुनः विश्व गुरु बन सकता है। धार्मिक पाखण्ड और कुरितियों से हिन्दू धर्म को बचाकर मानव कल्याण का सशक्त माध्यम बनाने का उद्घोष स्वामी विवेकानन्द का परम उद्देश्य रहा है।
उन्होंने कहा कि भौतिकतावाद की अंधी दौड़ में दौड़ रहे समग्र जगत को सेवा, सम्मान, धर्म एवं स्वाभिमान जैसे गुणों को धारण करने का स्वामी विवेकानन्द नें उपदेश दिया था। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द एक ऐसे अवतारी पुरुष थे, जो हिन्दुत्व के प्रखर प्रहरी थे। आज के इस दौर में जबकि समाज बाजारवादी एवं भौतिकतावादी जीवन पद्धति से ग्रस्त होकर मनुष्य को स्वार्थी एवं आत्मकेन्द्रित बनाता जा रहा है, ऐसे में मानव जगत को सही पथ-प्रदर्शित करने के लिए स्वामी जी के दर्शन एवं विचार स्वतः ही प्रासंगिक हो जाते हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. प्रदीप राव ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द की स्मृति मात्र से युवाओं में स्वस्फूर्त चेतना उत्पन्न हो जाती है। स्वामी जी मानवीय मूल्यों के प्रतिमूर्ति थे। मानव सेवा को सबसे बड़ा पुण्य कार्य मानते थे। आज के दौर में यदि हमें मानवीय मूल्यों का प्रस्फुटन अपनी अगली पीढ़ी में करना है तो उसके लिए हमें स्वामी विवेकानन्द जी के दर्शन एवं उनके विचारों को अपनाना होगा।
डा0 राव ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी का कहना था कि धर्म मूलतः मनुष्य को मनुष्य से जोड़ने वाला एक माध्यम है। धर्म हमें प्राणि मात्र से प्रेम करना सिखाता है। धर्म का एकमात्र लक्ष्य मानवता को अंधकार रूपी दलदल से निकाल कर ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर ले जाना है। स्वामी जी जन्म से नहीं अपने कर्म से तत्वपुरुष और महान योगी बने थे। उन्होंने मानव जाति की सेवा करना ही आजन्म अपना कर्तव्य समझा। स्वामी जी का समग्र दर्शन समाजोत्थान पर आधारित था। उन्होंने मोक्ष से ज्यादा सामाजिक कल्याण पर बल दिया था।
उदय प्रदीप
वार्ता
More News
मोदी यूपी में करेंगे ताबड़तोड़ जनसभायें

मोदी यूपी में करेंगे ताबड़तोड़ जनसभायें

24 Apr 2024 | 9:53 PM

लखनऊ 24 अप्रैल (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरूवार को आगरा, बरेली व शाहजहांपुर में जनसभाओं को सम्बोधित करेंगें।

see more..
image