राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Jan 17 2019 6:07PM जमीयत महासचिव मदनी का इस्तीफा नामंजूरसहारनपुर,17 जनवरी (वार्ता) डेढ़ दशक से जमीयत उलमा ए-हिंद के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व सांसद महमूद मदनी का इस्तीफा नामंजूर कर दिया गया है । बुधवार को श्री मदनी ने निजी कारणों के चलते अपने पद से इस्तीफा दिया था। श्री मदनी के इस्तीफा देने के बाद जमीयत के राष्ट्रीय अध्यक्ष कारी उस्मान ने गुरुवार को यहां संवाददाताआें को बताया कि उन्होंने श्री मदनी का इस्तीफा मंजूर नहीं किया है। वह अगली कार्यकारिणि की बैठक तक अपने पद पर बने रहेेगें । गौरतलब है कि वर्ष 1916 में स्थापित जमीयत उलमाए हिंद में महात्मा गांधी जी के नेतृत्व में आजादी की जंग लड़ी थी। महमूद मदनी के पिता असद मदनी और बाबा हुसैन मदनी ने ताउम्र जमीयत के जरिए देश, समाज और धर्म की सेवा की। वर्ष 2006 में असद मदनी के निधन के बाद जमीयत अध्यक्ष पद के संघर्ष को लेकर दो धड़ों में बंट गई थी। एक धड़े की बागडोर महमूद मदनी के हाथ में और दूसरी डोर उनके चाचा अरशद मदनी के हाथों में चली गई। महमूद मदनी ने अपने और चाचा के करीबी रिश्तेदार और दारूल उलूम के वाइस चांसलर कारी उस्मान को अपने धड़े का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनवाया था। मौलाना महमूद मदनी ने 2007 में दारूल उलूम से आतंकवाद विरोधी फतवा लिया था और देशभर में जमीयत के बैनर तले आतंकविरोधी जलसे किए थे।सं त्यागीवार्ता