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एसटीएफ ने पैसा लेकर भर्ती कराने वाले गिरोह के मुख्य सरगना को किया गिरफ्तार

एसटीएफ ने पैसा लेकर भर्ती कराने वाले गिरोह के मुख्य सरगना को किया गिरफ्तार

लखनऊ, 22 जनवरी (वार्ता) उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में विभिन्न अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर भर्ती कराने वालें गिरोह के मुख्य सरगना को मंगलवार को मेरठ से गिरफ्तार कर किया है ।

एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सूचना के आधार पर एसटीएफ की मेरठ इकाई ने विभिन्न भर्ती परीक्षाआें में अभ्यथियों से मोटी रकम लेकर पेपर लीक कराकर एवं साल्वार बैठाकर भर्ती कराने वाले गिरोह के मुख्य सरगना विजय तोमर उर्फ नीटू को मेरठ से गिरफ्तार किया है । पकड़ा गया आरोपी बागपत जिले के बड़ौत क्षेत्र के वाजिदपुर गांव का रहने वाला है । उसके पास से चार हस्तलिखित छाया प्रति उत्तर-तालिका, दो मोबाइल फोन और डेबिट कार्ड बरामद किया ।

उन्होंने बताया कि मोटी रकम लेकर विभिन्न भर्ती परीक्षाआें में पेपर लीक कराकर भर्ती कराने वाले गिरोह का मुख्य सरगना विजय तोमर उर्फ नीटू मेरठ के सिविल लाइन क्षेत्र में स्थित पुलिस लाइन गेट पर कार से आने वाला है। सूचना पर एसटीएफ की टीम मौके पर पहुंची और कुछ इंतजार के बाद एक कार अाम्बेडकर चौराहे की तरफ से आती दिखायी दी, जिसे मुखबिर ने देखकर उसपर सवार विजय तोमर उर्फ नीटू की पुष्टि की। इस पर एसटीएफ की टीम ने गाड़ी को रूकवाकर विजय तोमर उर्फ नीटू को गिरफ्तार कर लिया गया ।

श्री सिंह ने बताया कि पूछताछ पर पकड़े गये गिरोह सरगना ने बताया कि वह विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में

अभ्यर्थियों से पैसा लेकर पेपर आउट कराकर एवं साल्वर बैठाकर भर्ती कराने के धन्धे में लगभग 8-9 साल से संलिप्त है। पहले वह यह काम बागपत के अरविन्द राणा के साथ करता था, बाद में 2012-2013 के आसपास अरविन्द राणा से पैसो के लेन-देन पर कुछ अनबन हो गयी थी ,तो उसने उसका साथ छोड़ दिया और अपना अलग काम शुरू कर दिया। इस काम में उसके साथ विक्रम जाे माॅडल टाउन सोनीपत का रहने वाला हैं भी शामिल हैं। वह विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अभ्यर्थियों को इकठ्ठा करता है । विक्रम परीक्षा से पहले ही परीक्षा का पेपर या उत्तर कुंजी उसे

उपलब्ध कराता हैं, जिन्हें वह परीक्षा के शुरु होने से पहले ही अभ्यर्थियों को दे देता है।

पकड़े गये आरोपी ने हॉल ही में ट्यूबेल आपरेटर परीक्षा में पेपर आउट कराया था और पेपर की एवज में अभ्यर्थियों को 5-5 लाख रूपये लिए थे । अपने एक साथी मास्टर सचिन जो गंगानगर मेरठ का रहने वाला है,, को परीक्षा से एक दिन पहले शाम को परतापुर बाईपास पर दिया था, जिसके एवज में उससे 10 लाख रूपयें लिये थें पर वह उसी रात पुलिस द्वारा पकड़ा गया और वह परीक्षा निरस्त हो गयी थी। विक्रम ने 20 जनवरी को हुइ सिविल कोर्ट स्टाफ भर्ती परीक्षा की हस्तलिखित उत्तर-कुॅजी की फोटों प्रति उपलब्ध करायी थी, जो फर्जी थी। आज वह किसी काम से मेरठ होते हुए दिल्ली जा रहा था तभी उसे पकड़ लिया गया । आरोपी ब्रहमपुरी थाने का वांछित है । आगे की कार्रवाई स्थानीय पुलिस करेगी ।

गौरतलब है कि एसटीएफ ने हाल में इसी तरह के 12 लोगों कानपुर और लखनऊ से गिरफ्तार किया था।

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