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उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे दो अन्तिम प्रयागराज ( लख 17 के स्थान पर)

श्री योगी ने बताया कि बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे’ चित्रकूट के भरतकूप, झांसी, मीरजापुर राष्ट्रीय राजमार्ग से होकर बांदा, हमीरपुर, महोबा, जालौन, औरैया एवं इटावा होते हुए इटावा की तहसील ताखा के कुदरैल गांव के समीप, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के चैनेज 133.778 पर समाप्त होगा। इस परियोजना के तहत आने वाले कुल 182 ग्रामों से गुजरने वाले ‘बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे’ की कुल लम्बाई 296.264 किलोमीटर और प्रभावित क्षेत्रफल 3641.6269 हेक्टेयर होगा। एक्सप्रेस-वे के आरओडब्ल्यू की चौड़ाई 110 मीटर होगी। इस परियोजना की कुल लागत लगभग 14,716.26 करोड़ रुपए का आंकलन किया गया है। इसमें भूमि क्रय के लिये 2415 करोड़ रुपए का अनुमान है।
इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण से बुन्देलखण्ड के जिलों के लिए प्रदेश की राजधानी से ‘आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे’ एवं यमुना एक्सप्रेस-वे के माध्यम से देश की राजधानी तक सुगम यातायात सुविधा उपलब्ध होगी। एक्सप्रेस-वे के निर्माण के बाद पूरे प्रदेश का सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। चार -लेन प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेस-वे होने के कारण इस एक्सप्रेस-वे से ईंधन की महत्वपूर्ण बचत एवं प्रदूषण नियंत्रण भी सम्भव हो सकेगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस परियोजना से बुंदेलखंड तथा इसके आसपास के क्षेत्रों में सामाजिक एवं आर्थिक विकास के साथ ही कृषि, वाणिज्य, पर्यटन तथा उद्योगों कोे बढ़ावा मिलेगा। यह एक्सप्रेस-वे विभिन्न उद्योगों की स्थापना के लिये एक उत्प्रेरक के रूप में सहायक होगा। एक्सप्रेस-वे के निकट इण्डस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, शिक्षण संस्थान, मेडिकल संस्थान आदि की स्थापना के लियेे भी अवसर उपलब्ध होंगे।
एक्सप्रेस-वे के निर्माण में बुन्देलखण्ड क्षेत्र में पर्यटन विकास को बल मिलेगा एवं विकास से वंचित इस क्षेत्र का सर्वांगीण एवं बहुमुखी विकास सम्भव हो सकेगा। परियोजना के क्रियान्वयन तथा उसके समीप शिक्षण संस्थाओं, कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना से प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 50 हजार व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजन की सम्भावना है।
दिनेश भंडारी
वार्ता
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