राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Feb 1 2019 4:13PM कुंभ भागवत मंदिर दाे अंतिम कुंभनगरश्री भागवत ने कहा कि संघ निराश नही है। अदालत की कार्यवाही अंतिम छोर पर है। इस दिशा में निर्णय कभी भी आ सकता है। हिन्दू समाज को सोच समझ कर कदम उठाने पडेगे। जनता में प्रार्थना,आवेश और आक्रोश जगाने की जरूरत है। हिन्दू अपना आक्रोश सीने में दबा कर बैठा है जो समय की मांग भी है। उन्होने कहा कि विहिप और संत समाज मंदिर निर्माण के लिये आंदोलनरत है। हमे यह जागरण करते रहना चाहिये। इस सिलसिले में छह अप्रैल से एक करोड विजय मंत्र का जाप किया जायेगा। उन्होने कहा कि पुरातत्व विभाग के खनन में यह पहले ही स्पष्ट हो चुका है कि विवादित ढांचे के नीचे भव्य मंदिर था। हिन्दू समाज को कतई शक नहीं है कि उच्चतम न्यायालय का फैसला उनके ही पक्ष में अायेगा। इसके लिये चार छह महीनों तक न्यायालय के निर्णय का इंतजार और किया जा सकता है। इसके बाद भी यदि निर्णय नहीं हुआ तो संतों को भावी रणनीति पर विचार करना होगा। उन्होने कहा कि शिवसेना प्रमुख बाला साहब ने कहा था कि सिर्फ कारसेवा से मंदिर नही बनने वाला नही है। इसके लिये शांतिपूर्ण आंदोलन करना होगा जिसमें 20-30 साल का समय भी लग सकता है। वर्ष 1990 में उनके दिये गये वक्तव्य को 30 साल पूरे होने वाले हैं। उन्होने कहा कि मौजूदा राजनीतिक दलों में कौन मंदिर निर्माण के लिये गंभीर है। इसे देखने की जरूरत है। दलों को सोचना होगा कि वे मंदिर केवल वोटरों को खुश करने के लिये नहीं बनायेंगे बल्कि इसके पीछे परम हिन्दू राष्ट्र भारत की परिकल्पना शामिल है। भव्य राम मंदिर के लिये सकरात्मक सोच की जरूरत है। इसमे निराशा का कोई स्थान नही है।दिनेश/प्रदीपवार्ता