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कुम्भ आस्था पराकाष्ठा दो कुंभनगर

संगम की रेती पर श्रद्धालुओं के सैलाब से सहमे प्रशासन ने रविवार रात 1125 से ही मौनी अमावस्या के स्नान का एेलान कर दिया था। इसके पीछे उसका मकसद श्रद्धालुओं को संगम क्षेत्र से विदा करने का था। कुंभ प्रशासन को भलीभांति पता था कि यदि स्नानार्थियों का जमावड़ा इसी तरह बढ़ता रहा तो सोमवार की भोर शाही स्नान के समय भीड़ को संभालना नामुमकिन हो जायेगा।
उधर, मौनी अमावस्या और सोमवती अमावस्या के अदभुद योग में स्नान का पुण्य लाभ लेने को बेकरार श्रद्धालु सुरक्षा बलाें को चकमा देते हुये भोर तक इंतजार करते रहे जबकि विदेशी सैलानी और मीडिया ने इस दिलचस्प नजारे को कैमरो में कैद करने के लिये सारी रात कड़ी मशक्कत करते दिखायी पड़े।
श्रद्धालुओं की भीड को नियंत्रित करने के लिये कुंभ प्रशासन ने जिग जैग की व्यवस्था की है। लाल और काली सड़क के बीच खाली पड़े मैदान में बल्लियों से घेर कर जिग-जैग (भूल भुलैया) तैयार किया गया है। मात्र एक किमी की परिधि में तैयार इस भूल भुलैया में श्रद्धालु को कतारबद्ध ढंग से एक निर्धारित स्थान के भीतर ही घूमना है। भीड़ को जिग जैग में घुसने के बाद निकलने में कम से एक से डेढ़ घंटे का समय लग रहा है। इतना समय प्रशासन को भीड़ पर नियंत्रण करने के लिए पर्याप्त रहेगा।
प्रदीप दिनेश
जारी वार्ता
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