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मालदा से जाली मुद्रा चलाने वाले गिरोह का इनामी सरगना गिरफ्तार

लखनऊ, 04 फरवरी (वार्ता) उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने जाली मुद्रा की तस्करी करने वाले गिरोह के सरगना 50 हजार रुपये के इनामी को पश्चिम बंगाल के मालदा जिले से गिरफ्तार कर लिया गया है।
एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने सोमवार को यहां बताया कि गिरफ्तार आरोपी का नाम मिथुन उर्फ सलाउद्दीन मियां उर्फ अब्दुल सलाम है। वह मालदा जिले के कालियाचक थाना क्षेत्र का निवासी है। एसटीएफ के अनुसार 24 अगस्त को 500 और 2000 रुपये के जाली नोट चलाने वाले गिरोह के चार सदस्य गिरफ्तार किये गये थे। इनके पास से 2000 रुपये के 230 जाली नोट बरामद हुये थे।
पूछताछ में गिरफ्तार आरोपियों ने बताया था कि जाली नोट उन्हें मिथुन देता है और वह 2014 से जाली नोटों का कारोबार कर रहा है। जिसके बाद चित्रकूट रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) ने मिथुन की गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था।
श्री सिंह ने बताया कि यह बदमाश देश के विभिन्न प्रान्तों में जाली नोटों की आपूर्ति करता था। गिरफ्तार मिथुन उर्फ अब्दुल सलाम ने पूछताछ पर बताया कि वह भारतीय जाली नोट बांग्लादेश के माध्यम से पश्चिम बंगाल लायी जाती है। इस गिरोह का संचालन उसके अतिरिक्त एक अन्य व्यक्ति जियाउलहक द्वारा भी किया जाता है। बांग्लादेश से जाली नोट मंगाने की जिम्मेदारी जियाउलहक की है और जाली नोटों को खपाने का दायित्व उसका है। देश के विभिन्न प्रान्तों में जिन भी व्यक्तियों को उसने जाली नोटों की आपूर्ति की है वह लोग उसे मिथुन के नाम से ही जानते है, जो उसका वास्तविक नाम नहीं है।
उन्होंने बताया कि इस व्यवसाय को संचालित करने के उद्देश्य से उसने अपना नाम बदलकर मिथुन रखा है जिससे उसकी पहचान उजागर न हो। उसके द्वारा 44,000 असली भारतीय नोटों के बदले 1,00,000/- रूपये के जाली नोट दिया जाता है। बांग्लादेश से जाली नोटों की आपूर्ति के सम्बन्ध में जियाउलहक को ही जानकारी है। इसके खिलाफ बांदा जिले में छह मामले दर्ज हैं ।
श्री सिंह ने बताया कि गिरफ्तार किये गये मिथुन को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, मालदा पश्चिम बंगाल के समक्ष प्रस्तुत कर तीन दिवस के ट्रान्जिट रिमाण्ड स्वीकृत होने पर बांदा लाया जा रहा है, जिसे बांदा स्थित सक्षम न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा। इस मामले में आगे की विधिक कार्यवाही बांदा जिला पुलिस, एनआईए और एटीएस लखनऊ द्वारा की जायेगी।
विश्वजीत त्यागी
वार्ता
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