राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Mar 14 2019 9:04PM मतदान परिणाम घोषित होने के बाद फर्जी मतदान पर चुनाव रद्द करना गलतप्रयागराज, 14 मार्च (वार्ता) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद बवाल एवं फर्जी मतदान से चुनाव प्रक्रिया प्रभावित नहीं होगी। फर्जी मतदान का चुनाव परिणाम पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। परिणाम घोषित होने के बाद फर्जी मतदान की रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी कौशाम्बी द्वारा चुनाव रद्द कर नये सिरे से मतदान करने के आदेश को अवैध करार दिया है और निरस्त कर दिया है। जिलाधिकारी ने अलाई उर्फ बख्शीपाट गांव की सस्ते गल्ले की दुकान के आवंटन के मतदान के बाद याची के विजयी घोषित होने के बाद हुए बवाल पर पांच दिसम्बर 2008 को चुनाव निरस्त कर नये सिरे से मतदान का आदेश दिया था जिसे याचिका में चुनौती दी गयी थी। न्यायमूर्ति बी.अमित स्थालेकर तथा न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खण्डपीठ ने धर्मराज की याचिका को स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया है। याचिका पर अधिवक्ता का कहना था कि तीन बजे ग्राम प्रधान ने सभी की सहमति और हस्ताक्षर से चुनाव परिणाम घोषित कर दिया। इसके डेढ़ घंटे बाद फर्जी मतदान से चुनाव पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।सं दिनेश त्यागीवार्ता