देवरिया, 16 मार्च (वार्ता) इसे विडंबना कहे या अतिश्योक्ति मगर सच है कि उत्तर प्रदेश के देवरिया से कोई भी महिला उम्मीदवार आज तक संसद की चौखट लांघने में असफल साबित हुयी है।
देवरिया लोकसभा क्षेत्र में पांच विधानसभा देवरिया, पथरदेवा, रामपुर कारखाना तथा कुशीनगर की दो विधानसभा ये फाजिलनगर और तमकुहीराज आती हैं। यहां अब तक हुये लोकसभा के 16 हुये चुनावों में किसी महिला को इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का मौका नहीं मिल सका है।
रामपुर कारखाना विधानसभा क्षेत्र से पिछले चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) की गजाला लारी विधायक रही हैं वहीं फाजिलनगर विधानसभा में कांग्रेस की शशि शर्मा को यहां के लोगों ने अपना विधायक चुना। देवरिया सदर विधानसभा क्षेत्र से कृष्णा जायसवाल भी बीते चुनाव में देवरिया से चुनाव लड़ी थी मगर महिलाओं को लेकर यह तस्वीर देश की सबसे बड़ी पंचायत यानी लोकसभा के लिये अभी धुंधली है।
यहां दिलचस्प है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस समेत अन्य प्रमुख दलों ने देश की आधी आबादी को अपना उम्मीदवार बनाने में भी कम रूचि दिखलायी है जबकि रही सही कसर जनता जनार्दन ने पूरी कर नारी शक्ति पर कम भरोसा जताया है।
देवरिया लोकसभा क्षेत्र की कुल जनसंख्या 2818561 है। यहां मतदाताओं की कुल संख्या 1735574 है। जिसमें 950812 पुरुष मतदाता हैं तो महिला मतदाता की कुल संख्या 784666 है। 96 अन्य मतदाताओं की संख्या है।
देवरिया में अभी तक हुये लोकसभा चुनावों में सर्वाधिक छह बार कांग्रेस ने विजय प्राप्त किया है जबकि भाजपा ने यहां कलराज मिश्र को लेकर तीन बार यहां से विजय प्राप्त की है। इसके अलावा लोकदल एक बार, समाजवादी पार्टी दो बार, बहुजन समाज पार्टी एक बार, जनता दल एक और जनता पार्टी एक बार यहां से चुनाव जीत चुकी है।
वर्ष 1984 के बाद कांग्रेस यहां से अपना परचम नहीं लहरा सकी है। अंतिम बार यहां से कांग्रेस के राज मंगल पाण्डेय चुनाव जीते थे। देवरिया लोकसभा क्षेत्र से अभीतक किसी महिला का प्रतिनिधित्व न करना लोगों को सोचने पर मजबूर कर दे रहा है।
सत्रहवीं लोकसभा चुनाव में भी महिला उम्मीदवारों को लेकर यह परंपरा टूटती नहीं दिख रहा है। कारण है कि भाजपा, कांग्रेस और सपा-बसपा गठबंधन के भावी उम्मीदवारों में किसी महिला उम्मीदवार की चर्चा नहीं है।
सं प्रदीप
वार्ता