राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Mar 19 2019 4:50PM राजनीति प्रसपा गठबंधन दो अंतिम लखनऊश्री यादव ने कहा “ हमने लगातार यह कोशिश की कि भाजपा के खिलाफ एक निर्णायक मोर्चा बने , हमने पिछले लोकसभा में भी एक बड़ा गठबंधन बनाने की कोशिश की , लेकिन कुछ लोगों के स्वार्थ की वजह से यह संभव न हो सका । मैंने विभिन्न मंचो पर भाजपा के विरुद्ध एक कारगर महागठबंधन की संकल्पना की थी। उसमें हिन्दी पट्टी के सभी सेक्युलर दलों को समाहित करने पर विचार किया गया था लेकिन निजी स्वार्थ और सत्तालोलुपता की वजह से यह संकल्पना सफल न हो सका। ” उन्होने कहा “ मैंने सपा -बसपा गठबंधन से आग्रह किया कि हमें शामिल करो लेकिन इनके स्वार्थ से यह संभव न हो सका । अपने निर्माण के सीमित अवधि में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने अपने व्यापक जनाधार व लोकप्रियता के बल पर यह स्पष्ट संकेत दे दिया है कि प्रसपा के आभाव में यूपी के पॉलिटिकल स्फीयर में साम्प्रदायिक शक्तियों व सत्ता के विरुद्ध किसी भी मंच, गठबन्धन या संघर्ष की कल्पना नहीं की जा सकती। ” पीस पार्टी प्रमुख डॉ अय्यूब ने कहा कि अगर भाजपा को उखाड़ फेंका है तो सभी सेकुलर दलों को एक मंच पर आना जरुरी है। मौजूदा सरकार ने देश की जो दुर्गति की है उसे बयां नहीं किया जा सकता। इस दौरान राष्ट्रीय क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी अध्यक्ष गोपाल राय, रिपब्लिकन सेना के प्रदेश अध्यक्ष श्याम कुमार, सुरेन्द्र सिंह (पीडीपी नेता), प्रसपा बौद्धिक सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीपक मिश्र आदि मौजूद रहे।प्रदीपवार्ता