जौनपुर , 23 मार्च(वार्ता)उत्तर प्रदेश में जौनपुर के कलेक्ट्रेट परिसर स्थित क्रांति स्तम्भ पर शनिवार को हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकंन आर्मी तथा लक्ष्मीबाई ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं ने देश के महान क्रांतिकारी एवं स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी शहीद-ए-आज़म भगत सिंह ,राजगुरु और सुखदेव काे उनके 88 वां शहीदी दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर कार्यकर्ताओं ने क्रांति स्तम्भ पर मोमबत्ती व अगरबत्ती जला कर तीनों महान क्रान्तिकारियो को दो मिनट का मौन रखकर अपनी श्रंद्धाजलि दी ।
क्रांति स्तम्भ पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए लक्ष्मीबाई ब्रिगेड की अध्यक्ष मंजीत कौर ने कहा कि देश के महान क्रांतिकारी एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भगत सिंह का जन्म 28 सितम्बर 1907 को पंजाब प्रांत के लायलपुर जिले के बग्गा गाँव निवासी सरदार किशन सिंह के यहाँ हुआ था। देश की आज़ादी की लड़ाई में इन्होंने बढ़-चढ़ कर भाग लिया ।
उन्होंने कहा कि भगत सिंह का मानना था कि क्रान्ति का मतलब बम और पिस्तौल की संतुष्टि नही है । वे कहते थे कि पिस्तौल और बम इंकलाब नही लाते , इंकलाब की तलवार तो विचारों की शान पर तेज होती है । उन्होंने कहा कि अंग्रेजी हुकूमत कि नींव हिला देने वाले भगत सिंह , राजगुरु,और सुखदेव को अंग्रेजों ने 23 मार्च 1931 को लाहौर जेल में फांसी पर लटका दिया ।
मंजीत कौर ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि अभी तक भगत सिंह को शहीद का दर्जा नही दिया गया ।उन्होंने प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि वे भगत सिंह को शहीद का दर्जा प्रदान करें , ताकि लोग उन्हें शहीद-ए-आज़म कह सकें ।
इस अवसर पर धरम सिंह , अजय सिंह , सुरेखा पाल ,अनिरुद्ध सिंह , मंजीत कौर , मैनेजर पांडेय सहित अनेक लोग मौजूद थे।
सं भंडारी
वार्ता