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व्यर्थ की याचिका से अदालत का समय होता है बर्बाद ,याचिका खारिज

प्रयागराज, 15 अप्रैल (वार्ता) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि व्यर्थ के मुकदमे दाखिल होने से अदालत का समय बर्बाद होता है और जरूरी मुकदमों की सुनवाई नहीं हो पाती।
उच्चतम न्यायालय ने व्यर्थ की मुकदमेबाजी पर अंकुश लगाने के लिए भारी हर्जाना लगाने की छूट दी है ताकि व्यर्थ के छोटे मोटे मुकदमे दाखिल न हो।
न्यायमूर्ति पी.के.एस. बघेल तथा न्यायमूर्ति आर.आर. अग्रवाल की खंडपीठ ने अवनेश कुमार की जनहित याचिका खारिज कर दी है। याचिका में पीने के पानी के कुएं पर यूरिनल बनाने पर रोक लगाने की मांग की थी। न्यायालय ने याची की आर्थिक स्थिति को देखते हुए हर्जाना नहीं लगाया और कहा कि छोटे मामलों को लेकर पीआईएल दाखिल न करने की हिदायत दी।
सं त्यागी
वार्ता
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