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पांच साल से फरार एक लाख का इनामी दिल्ली से गिरफ्तार

लखनऊ,15 मई (वार्ता) उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने पुलिस अभिरक्षा से पांच साल से फरार चल रहे एक लाख रुपये के इनामी कुख्यात बदमाश को नई दिल्ली के द्वारिका से गिरफ्तार कर लिया।
एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने बुधवार को यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पुलिस अभिरक्षा से फरार एवं सीतापुर के मछरेटा थाने के हिस्ट्रीशीटर सतीश मिश्रा काे एसटीएफ ने मंगलवार देर रात नई दिल्ली के सेक्टर-23 द्वारिका से गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि इस बदमाश के खिलाफ 34 मामले दर्ज हैं और पुलिस अभिरक्षा से फरार होने के बाद यह दिल्ली के सेक्टर-23 द्वारिका में छुपकर रह रहा था। इस बदमाश की गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।
उन्होंने बताया कि सीतापुर के मछरेटा इलाके के पेडियाकाेडर निवासी को पकड़ने के लिए एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक प्रमेश कुमार शुक्ल के नेतृत्व वाली टीम को लगाया गया था। सूचना संकलन के दौरान पता चला कि यह
अपराधी राजधानी क्षेत्र में कहीं छिप कर रहा रहा है तथा सीतापुर,लखनऊ और हरदोई आदि जिलों में अपने साथियाे के माध्यम से आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त है।
श्री सिंह ने बताया कि इस सूचना मिली कि कुख्यात बदमाश सतीश मिश्रा थाना सेक्टर-23 द्धारिका नई
दिल्ली में भरथल गांव में छिप कर रह रहा है। इस सूचना पर एसटीएफ के उपनिरीक्षक संताेष कुमार सिंह के नेतृत्व में एक टीम तत्काल नई दिल्ली रवाना की गयी। द्वारिका पुलिस को अवगत करा दिया गया था। रात करीब साढ़े 11 बजे सतीश मिश्रा को भरथल गांव के बाहर भरथल तिराहे के पास से गिरफ्तार किया गया। इसके पहले वर्ष 2012 में सतीश मिश्र काे गिरफ्तार किया गया था।
उन्होंने बताया कि पकड़े गये इनामी बदमाश ने पूछताछ पर बताया कि वह पूर्व में तीन बार न्यायिक अभिरक्षा से भाग चुका है। वर्ष 2011 में आरक्षी गिरिजाशंकर काे नशीला पदार्थ खिलाकर लखनऊ कचेहरी से भाग गया था। वर्ष 2012 में सीतापुर जेल से बाराबंकी न्यायालय पेशी के लिए पुलिस लेकर गई थी और उसकी सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मियों को नशीला पदार्थ खिलाकर सिधाैली में ट्रेन से उतरकर भाग गया था। इसके अतिरिक्त फरवरी 2014 में लखनऊ के मड़ियांव के एक मुकदमें में पेशी के लिए लखनऊ न्यायालय लाया गया था। पेशी के बाद न्यायालय पारिसर के बाहर से आरक्षी मधुर तिवारी काे चकमा देकर भागने में कामयाब हो गया था।
श्री सिंह ने बताया कि फरार होने के बाद मड़ियांव स्थित मकान और सीतापुर अपने गांव पेरियाकाेडर की पैतृक जमीन काे बेच कर यह परिवार सहित नई दिल्ली चला गया और वहाँ पर रमेश मिश्रा के नाम का फर्जी आधार कार्ड एवं ड्राइविंग लाइसेन्स बनवाया। उसने अपनी पत्नी और बेटे के भी फर्जी पहचान पत्र तैयार कराकर स्वयं और अपने परिवार की पहचान काे छिपाकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ठिकाने बदल-बदल कर रहने लगा।
पूछताछ के दौरान सतीश मिश्रा ने बताया कि वर्ष 1993 में सीतापुर के रामपाल बैरागी,वर्ष 2003 में रामप्यारे दीक्षित और वर्ष 2011 में सीतापुर के देवी सहाय शुक्ला की हत्या किये जाने की बात बतायी । वर्ष 2009 में मड़ियांव क्षेत्र से दाल मिल व्यापारी अशाेक अग्रवाल का अपहरण एवं बाराबंकी से कार लूट में भी वह शामिल था। इसके खिलाफ
लखनऊ, सीतापुर और बाराबंकी जिले के विभिन्न थानों में 34 मामले दर्ज हैं । गिरफ्तार बदमाश को वजीरगंज थाने में दाखिल करा दिया गया है।
त्यागी
वार्ता
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