राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: May 28 2019 2:22PM आयुष्मान मित्रों की एक साल बाद भी नियुक्ति नहीं,योजना हो रही फ्लॉपहमीरपुर 28 मई(वार्ता) आयुष्मान भारत योजना के तहत उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में एक साल व्यतीत होने के बाद भी आयुष्मान मित्रों की नियुक्ति नही हो पाने के कारण योजना फ्लॉप शो साबित होती जा रही है। अभी तक अस्सी हजार के सापेक्ष बमुश्किल तीन हजार गरीबो के आयुष्मान कार्ड बन पाये है जिसमें सिर्फ 70 लोगो का जिला अस्पताल में इलाज हो पाया है। मुख्य चिकित्साधिकारी(सीएमओ) डा. संतराज ने मंगलवार को बताया कि आयुष्मान भारत योजना के संचालन में आयुष्मान मित्रों की एक अहम भूमिका होती है हर एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में आयुष्मान मित्रो की नियुक्ति होनी थी मगर शासन स्तर से नियुक्ति नही हो पा रही है। आयुष्मान मित्रों की नियुक्ति के लिए शुरूआत मे जब आवेदन मांगे गये थे लेकिन नियुक्तियां होने से पूर्व अभिलेख (डॉक्यूमेंट) पूरे नहीं लगे होने की आपत्ति लगाकर प्रदेश सरकार की ओर से नियुक्ति रोक दी गयी। इसके बाद यह योजना जिले में सुचारु रुप से संचालित नही हो पा रही है। यही नही जिला अस्पताल में आयुष्मान कार्ड बनाने के लिये अस्थायी व्यवस्था की गयी थी मगर कम्प्यूटर आपरेटर को कार्ड बनाने का कोई मानदेय अभी तक न दिये जाने से उसने भी काम करना बंद कर दिया है। सीएमओ ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रो में कार्ड बनाने के लिये पीएम लेटर दिये गये थे वे सभी आशा बहुओं व आंगनवाडी़ कार्यकत्रियों को दे दिये गये थे, मगर अभी तक लोगों ने चिकित्सा कार्ड नही बनाये है जब कि हकीकत यह है कि किसी भी सरकारी अस्पताल में आयुष्मान मित्र की नियुक्ति न हो पाने के कारण अस्पताल में कोई कार्ड नही बना रहा है जिससे गरीबो को समुचित लाभ नही मिल पा रहा है। शासन को सबसे पहले आयुष्मान मित्रों की नियुक्ति करनी चाहिये मगर उस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया बल्कि आयुष्मान संचालन समिति का गठन कर दिया है जिसमे डा. अंकिता श्रीवास्तव, रोहित सिंह, गौरव मिश्रा आदि लोग शामिल है।वही संचालन समिति भी कोई काम नही कर रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में जो कार्ड बनाये जाने के पहले पीएम लेटर लाभार्थियो को दिया गया था लोग उसी को स्वास्थ्य कार्ड समझकर आयुष्मान भारत का कार्ड नही बनवा रहे है। संचालन समिति भी कोई काम नहीं कर रही है, इस मामले की रोज शिकायते प्रशासन को प्राप्त हो रही है। इस मामले में जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्साधीक्षक (सीएमएस) डा आरके शर्मा का कहना है कि उन्हो¨ने जिला अस्पताल में अपने अस्पताल के कर्मियो को लगाकर यहा से पंद्रह सौ कार्ड बनवा दिये थे उसमें 70 मरीजो को भर्ती कराकर इलाज भी किया है जिसमें अस्पताल को करीब पौने दो लाख रुपये का लाभ हुआ है मगर वह धनराशि रोगी कल्याण समिति में आयी है जिसे निकालने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। वही प्राइवेट अस्पताल के डाक्टरो का तर्क है कि आयुष्मान भारत कार्ड से उपचार करने के बाद पैसा निकालने में भारी मुसीबत का सामना करना पड़ता है जिससे ज्यादातर अस्पताल इस उपचार से बचते रहते है। वही आयुष्मान भारत योजना का जिला समन्वयक डा. पीएन गोयल का कहना है कि वह शासन स्तर पर होने वाली बैठकों में आयुष्मान मित्र के बारे में जानकारी देते रहते है मगर उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।सं सोनियावार्ता