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अपराध-एसटीएफ गिरफ्तार दो अंतिम लखनऊ

श्री सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी ने बताया कि पेपर 28.07.2018 काे पढ़ाने के बाद रणजीत प्रसाद ने उसे 50 लाख रूपये दिया तथा बताया कि लड़काे के हाई स्कूल, इण्टर, स्नातक आदि के मूल शैक्षणिक प्रमाण पत्र मेरे पास बतौर गारन्टी जमा है। परीक्षा परिणाम निकलने के बाद शेष पैसा प्रति अभ्यर्थी ढाई से पांच लाख मुझे देते। अशाेक देव चौधरी को बहकावे तथा दबाव में लेकर भेजा था लेकिन अशोक देव चाैधरी के विरोध करने के कारण पूरा काम बिगड़ गया। उसने यूपीपीएससी की परीक्षा नियंत्रक सचिव, अंजू लता कटियार काे प्रत्येक परीक्षा के प्रश्न पत्राें की छपाई में मिलने वाली धनराशि में से पांच प्रतिशत के हिसाब से रूपये देता था। वह 26.05.2019 काे बरामद प्रश्नपत्र प्राप्त करते वक्त उनकाे 10 लाख रूपये नगद देकर आया था।
आरोपी ने बताया कि परीक्षा नियंत्रक बहुत परेशान रहती है और इसके लिए उससे वाट्सअप और फोन पर पुछती रहती थी । उन्हाेंने उसे यह भी बताया कि तुम्हारे कम्पनी के खिलाफ पुलिस मुकदमा लिखवाना चाहती है इसके बाद
भी आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्नपत्र छापने का कार्य दे रही हूॅ। इसके पश्चात उनके माेबाईल में वाट्सअप काे खाेेल कर देखा गया ताे परीक्षा नियंत्रक काे माेबाईल नम्बर सेव था, जिसमें पुलिस इंक्वायरी सम्बन्धी वार्तालाप तथा स्पष्ट रूप से अशाेक देव चौधरी के मामले के सम्बन्ध में पूछा गया है। काैशिक कुमार कर के बयान और उसके वाट्सअप पर वार्तालाप की चेकिंग तथा जांच के दौरान उनसे किये गये एसटीएफ द्वारा पत्राचार 25.05.2019 में उक्त कम्पनी पर मुकदमा पंजीकृत कराया जाने की सूचना देने के बाद भी अन्य हाेने वाली परीक्षाओं के प्रश्नपत्राें की छपायी का कार्य दिया जा रहा है। यह पुरा कृत्य गिराहे बनाकर आपराधिक साजिश करके पेपर आउट कराकर भारी लाभ कमाने का , जाे कि अभ्यर्थियाे के विरूद्ध आपराधिक कृत्य के साथ लोक हित के विरूद्ध भी आपराधिक कृत्य है। उक्त लोगाें के विरूद्ध एसटीएफ द्वारा थाना चोलापुर,वाराणसी पर 172/2019 धारा 406, 409, 420, 120बी, भादवि व धारा 7,8,13 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम पंजीकृत कराया गया।
आरोपी काेशिक कुमार कर से एसटीएफ के साथ-साथ स्थानीय पुलिस द्वारा भी पूछताछ की। उसके द्वारा बताये गये तथ्याें के आधार पर परीक्षा नियंत्रक, लोक सेवा आयोग के आवास और कार्यालय का सर्च वारण्ट विवेचक द्वारा प्राप्त किया गया, जिसके आधार पर परीक्षा नियंत्रक के प्रयागराज स्थित आवास पर सर्च करते हुए एसटीएफ द्वारा प्रचलित जाँच के सम्बन्ध में काैशिक कर काे सूचना लीक करने और उक्त मुद्रण कम्पनी के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत कराने की बात बताये जाने के उपरान्त भी पुनः उसकाे प्रश्न पत्राें का मुद्रण दिये। इस मामले में अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। इस मामले में कई अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है।
त्यागी
वार्ता
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