राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: May 31 2019 7:50PM गोशालाओं एवं गो आश्रय स्थलों की मांगी उच्च न्यायालय रिपोर्टलखनऊ,31 मई (वार्ता) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट गोवंश आश्रय स्थल बनाये जाने में अफसरों एवं कर्मियों की कथित धांधली के मामले में दायर जनहित याचिका पर दो सप्ताह में पूरी रिपोर्ट मांगी है । न्यायालय ने जानना चाहा है कि सरकार के द्वारा जारी फंड का कितना उपयोग हुआ । मामले की सुनवाई 15 जुलाई के सप्ताह में होगी । न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल और न्यायमूर्ति रजनीश कुमार की पीठ ने यह आदेश देवेंद्र कुमार की ओर से दायर जनहित याचिका पर दिए। राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता वी के शाही एवं स्थाई अधिवक्ता कमर हसन रिज़वी ने अदालत को बताया कि याची ने याचिका में यह स्पष्ट नही किया है कि किस जिले में फण्ड का कितना दुरुपयोग हुआ है । जनहित याचिका दायर कर आरोप लगाया गया है की गोवंश आश्रय स्थल योजना पूरे प्रदेश में शहर से लेकर गांव तक चलाई जा रही हैं , जिनमें छुट्टा जानवर और साड़ों आदि के गोवंश जानवरों को रखें जाने की योजना है । कहा गया कि इन स्थलों को बनाने से लेकर जानवरों को रखने और उनके चारा पानी की व्यवस्था के लिए राज्य सरकार बहुत अधिक फंड दे रही हैं । आरोप लगाया गया कि इस मामले में अधिकारियों से लेकर कर्मचारी तथा ठेकेदार बहुत अधिक धन का दुरुपयोग कर रहे है । याचिका में मांग की गई हैं कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए । सं त्यागीवार्ता