राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Jun 1 2019 4:02PM सगी बहनों ने दी पिता के शव का मुखाग्नि
इटावा , 01 जून (वार्ता) उत्तर प्रदेश के इटावा मे दो सगी बहनो ने अपने पिता की अंतिम इच्छा की पूर्ति करते हुये उनकी चिता को मुखाग्नि देकर मिसाल कायम की है।
सराय शेख निवासी विनय जैन की शुक्रवार को मृत्यु हो गई थी। उनकी दो बेटियां हैं, कोई पुत्र नहीं है। ऐसे में बेटियों ने साहस दिखाते हुए पिता की अर्थी को कंधा दिया और यमुना घाट पर वैदिक रीति-रिवाज के साथ पिता का अंतिम संस्कार भी किया।
बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा श्रेयांशी और बीएससी प्रथम वर्ष की छात्रा प्रियांशी जैन अपने पिता की मौत के बाद विचलित नहीं हुईं। उन्होंने जहां अपनी मां को ढांढस देकर हिम्मत बंधाई, वहीं पिता की चिता को भी पूरे साहस के साथ मुखाग्नि भी दी। इन दोनों बेटियों ने समाज को यह संदेश दिया कि बेटियां भी किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं, वह हर कार्य को बखूबी कर सकती हैं।
श्रेयांशी और प्रियांशी का कहना है कि उनके पिता की इच्छा थी कि उनकी चिता को मुखाग्नि बेटियां ही दें। उन्होंने अपना फर्ज को निभाया है। पिता की इच्छा यह भी थी कि उनकी बेटियां आगे बढ़कर पिता का नाम रोशन करें। अब वे अपनी पढ़ाई पूरी करके अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती हैं ताकि भविष्य में पिता का नाम रोशन कर सकें।
के.के.कालेज के इतिहास विभाग के प्रमुख डा.शैलेंद्र शर्मा का कहना है कि दोनो बेटियॉ ने अपने पिता के अंतिम संस्कार अहम भूमिका का निर्वाहन करके एक बडा संदेश दिया है । इससे एक बात साबित होती है कि पहले कभी रूढिवादिता के चलते महिलाओ को इस पंरपरा से दूर रखा जाता था लेकिन आज जागरूकता ने इसको दूर करके अपने आप को साबित करने का मौका दिया है।
सं प्रदीप
वार्ता