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राष्ट्रीय-अयोध्या मंदिर दो अंतिम अयोध्या

डा.राम विलास दास ने कहा कि बाबर के नाम पर अयोध्या में कोई भी चिन्ह तक नहीं है जबकि राम के नाम पर अयोध्या में बहुत कुछ है। संत धैर्य धारण करें। भाजपा के अलावा कोई भी मंदिर का समाधान नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास जी अपने समय पर ही राम मंदिर निर्माण देख लें। वह समय अब जल्द पूरा होने वाला है।
संत सभा को विश्व हिन्दू परिषद के उपाध्यक्ष चम्पतराय ने सम्बोधित करते हुए कहा कि हमें याद है कि एक समय ऐसा था कि राम बोलने पर जेल में डाल दिया जाता था। आज बंगाल में वही स्थिति है लेकिन वहां की जनता हिम्मत के साथ जय श्रीराम बोल रही है। उन्होंने कहा कि भारतमाता की जय बोलने पर मैं बीस महीना तक जेल में रहा और 1991 में जय श्रीराम बोलने पर जेल गया। याद करते हुए उन्होंने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद में 26 साल से काम कर रहा हूँ।
उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन संतों के नेतृत्व में है। अब इसे समाज लड़ रहा है और हर लड़ाई में हम लोग कदम से कदम आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या हिन्दू धर्म का केन्द्र है इसे अन्य किसी संस्कृति का केन्द्र बनने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि अदालत से भी राम के पक्ष में फैसला आयेगा क्योंकि हमारे पास साक्ष्य मौजूद है। मंदिर वहीं बनेगा जहां राम की जन्मभूमि है।
बैठक में मुख्य रूप से श्रीरामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास, संत समिति के अध्यक्ष म. कन्हैयादास, रामवल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमार दास, दशरथ महल के बिंदुगाद्याचार्य, रंग महल के अध्यक्ष रामशरण दास, लक्ष्मण किलाधीश के अध्यक्ष मैथिली दास, बड़ा भक्त माल के महंत अवधेश दास, नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास, उदासीन आश्रम के महंत डॉ. स्वामी भरत दास, दिगम्बर अखाड़ा के महंत सुरेश दास, महंत सियाकिशोरी शरण दास, डा. रामानन्द दास, कन्हैयादास रामायणी, स्वामी परमहंस दास, महंत अवधेश दास, महंत गिरीशपति त्रिपाठी, महंत बृजमोहन दास, महा मण्डलेश्वर गिरीश दास, सिद्धिशरण, राघवेन्द्र दास वेदान्ती, हिन्दू महासभा के अध्यक्ष मनीष पाण्डेय, महंत रामलोचन शरण शास्त्री, महंत सुशील दास, विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय मंत्री राजेन्द्र पंकज, अशोक कुमार नारायण, विहिप प्रवक्ता शरद शर्मा सहित संत धर्माचार्य उपस्थित थे।
सं त्यागी
वार्ता
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