राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Jun 4 2019 4:43PM राम की नगरी में देवों को गर्मी से बचाने को सजे फूल बंगलेअयोध्या, 04 जून (वार्ता) श्रीराम की नगरी अयोध्या में देवताओं को गर्मी से बचाने के लिये मंदिर फूल बंगले में तब्दील हो चुके हैं। हनुमानगढ़ी के महंत बाबा ज्ञानदास ने मंगलवार को ‘यूनीवार्ता’ को बताया कि देवों को गर्मी से बचाने के लिए तथा उन्हें ठंड की अनुभूति कराने के लिये फूल बंगला झांकी का निर्माण किया जाता है। सफेद फूल बेला से यहां के मंदिरों में भगवान का सिंहासन मुकुट कुण्डा बनाया जाता है। सदियों पहले हनुमानगढ़ी मंदिर में फूल बंगले की झांकी की शुरुआत बाबा रामलगन दास महाराज ने की थी और यह परम्परा आज भी कायम है। बाबा ज्ञानदास ने बताया कि अब अयोध्या के प्रसिद्ध कनक भवन, नागेश्वरनाथ मंदिर, छोटी देवकाली सहित विभिन्न मंदिरों में फूल बंगले की झांकी सजायी जाने लगी है। यह झांकी जेठ माह से सजायी जाती है। भगवान के भक्तों की यह भावना होती है कि आराध्य देव को फूल बंगलों में बैठाने के बाद उन्हें गर्मी का एहसास नहीं होगा। मकान के ढांचे की तरह यह फूल मंदिर लकड़ी के फ्रेमों में बेला और मोतिया के फूलों की कलियां द्वारा छमास रैंच अठकलिया लोहा इमरती का अष्टदल के डिजाइनों में बनाये जाते हैं। उन्होंने बताया कि कमल जूही तथा केला के तनों का भी प्रयोग किया जाता है। फूल बंगला के सामने तालाब का दृश्य बनाया जाता है। हनुमानगढ़ी, कनक भवन, मणिरामदास छावनी, रंगमहल, बड़ा स्थान, नागेश्वरनाथ मंदिर समेत तमाम देव स्थानों में विभिन्न तिथियों में फूल बंगले की झांकी सजाई जाती है। फूल बंगले की झांकी में एक मंदिर में करीब दो कुंतल के करीब सफेद बेला के फूलों का प्रयोग होता है। बंगले की झांकी में फूल लगने वाले फूलों की आपूर्ति मुस्लिम समाज ही करता है। माली माह मई से अयोध्या के मंदिरों में कई कुंतल फूलों का प्रयोग करता रहता है। हनुमत निवास मंदिर के महंत सियाशरण ने बताया कि अयोध्या में फूल बंगले का प्रचलन पिछले सौ वर्षों से चला आ रहा है। शुरुआत प्रसिद्ध कनक भवन मंदिर के स्व. बुधई द्वारा की गयी। बुधई के पुत्र सीताराम एवं सूरजलाल मास्टर और हनुमान चरित्र द्विवेदी आदि इस कला को आज भी जीवित रखे हैं। गंगा दशहरा और सरयू जयंती पर सरयू नदी में फूल बंगलों का भव्य आयोजन होता है। माह मई से फूल बंगला की झांकी शुरू होती है और अगस्त माह तक चलती है। मान्यताओं के मुताबिक फूल बंगला झांकी से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और श्रद्धालुओं की मुरादें पूरी करते हैं। इस अवसर पर अयोध्या के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है।सं प्रदीपवार्ता