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जालौन में नदियों के तटवर्ती गांवों में भी जलस्तर में गिरावट

जालौन,10 जून (वार्ता) उत्तर प्रदेश में बढ़ते तापमान के कारण यमुना और कालपी नदी के तटवर्ती गांवों में भी पिछले 10 वर्ष की तुलना में जलस्तर में काफी गिरावट आई और इससे कुएं,नल एवं नलकूप भी प्रभावित है।
केंद्रीय जल आयोग के कालपी कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार यमुना नदी के जलस्तर में विगत वर्षों की तुलना में काफी गिरावट दर्ज की गई। जलस्तर में गिरावट का असर सीधा तटीय ग्राम पंचायतों में दिखने लगा है। नरहन शेखपुर गुड़ा देवकली हीरापुर मदारपुर मगरोल मेनू पुर जीता मऊ के अनेक गांवों में देखने को मिला है ।
नरहन निवासी जयकरण सिंह ने बताया इस समय में गांवों लगे हैंड पंप का जलस्तर लगभग 10 फीट नीचे चला गया है । इसी तरह देवकली निवासी मानसिंह ने बताया हैंडपंप के कारण कुओं के पानी का इस्तेमाल वैसे भी कम हो गया है ,लेकिन वर्तमान में जलस्तर गिरने से अधिकांश कुएं सूख गए गये हैं ।
यमुना के तटवर्ती ग्रामीणों के अनुसार नदी में जलधारा कम होने से जहां हैंड पंपों से पानी निकला काफी कम हो गया है और कई गांवों में पानी नहीं देनें पर दुबारा बोर कराने पड़े हैं । नदी की जलधारा सिकुड़ने से मवेशियों को पानी पिलाने के लिए कठिनाई हो गई है क्योंकि पानी की कमी के कारण जलधारा घाटों से पानी काफी दूर है और मजबूर होकर गरम रेत मैं लगभग 30 से 40 मीटर अंदर तक जाना पड़ता है। नदियों की जलधारा सिकुड़ने का असर तटीय ग्राम पंचायतों के अलावा अन्य पंचायतों पर भी पड़ा है।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार अगर समय से बरसात नहीं हुई तो,निश्चित रूप से यमुना और कालपी नदी का जलस्तर और कम हो सकता है।
सं त्यागी
वार्ता
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