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काकोरी कांड के महानायक को उत्तर प्रदेश ने दी सलामी

काकोरी कांड के महानायक को उत्तर प्रदेश ने दी सलामी

लखनऊ 11 जून (वार्ता) काकोरी कांड के जरिये अंग्रेजी हुकूमत कर चूलें हिला देने वाले अमर शहीद राम प्रसाद बिस्मिल की 122वीं जंयती समूचे उत्तर प्रदेश में श्रद्धा भाव से मनायी गयी।

लखनऊ में इस मौके पर श्री बिस्मिल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हे भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित की गयी वहीं उनकी जन्मस्थली शाहजहांपुर के विभिन्न स्थानो पर आजादी के परवाने के चित्र और प्रतिमाओं पर श्रद्धासुमन अर्पित किये गये। जौनपुर में शहीद की याद में माेमबत्ती और अगरबत्ती जलायी गयी। कानपुर,उन्नाव,हमीरपुर,मेरठ और बरेली समेत अधिसंख्य जों में इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये शहीद के प्रति सम्मान का इजहार किया गया।

जौनपुर के सरावां गांव में स्थित शहीद लाल बहादुर गुप्त स्मारक पर आज हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी व् लक्ष्मी बाई ब्रिगेड के कार्यकर्ताओ ने काकोरी काण्ड के महानायक पंडित राम प्रसाद बिस्मिल का 122 वां जन्मदिन मनाया । इस अवसर पर कार्यकर्ताओ ने शहीद स्मारक पर मोमबत्ती व् अगरबत्ती जलाया और अमर शहीद श्री बिस्मिल को याद करते हुए उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी ।

क्रान्ति स्तम्भ पर उपस्थित लोगो को संबोधित करते हुए लक्ष्मी बाई ब्रिगेड की अध्यक्ष मंजीत कौर ने कहा कि महान क्रांतिकारी पंडित राम प्रसाद बिस्मिल का जन्म 11 जून 1897 को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में हुआ था । अमर शहीद चंद्र शेखर आजाद से प्रेरणा लेकर इन्होंने 11 साल की उम्र में देश की आज़ादी की लड़ाई में भाग लेना शुरू किया । उन्होंने कहा की 09 अगस्त 1925 को काकोरी काण्ड के बाद इन्हें गिरफ्तार किया गया और अंग्रेजो ने इन्हें सजा -ए- मौत का आदेश दिया ।

सुश्री कौर ने कहा कि अंग्रेजो ने 19 दिसम्बर 1927 को प्रदेश के गोरखपुर की जेल में पंडित राम प्रसाद बिस्मिल को फांसी पर लटका दिया । उन्होंने कहा कि इनके 3 साथियो क्रमशः रोशन सिंह व् अशफाक उल्लाह खां को 19 दिसम्बर और क्रांतिकारी राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी को 2 दिन पूर्व यानी 17 दिसम्बर 1927 को गोंडा जेल फांसी दी गई थी ।

सं प्रदीप

वार्ता

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