राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Jun 13 2019 5:48PM उत्तर प्रदेश नदी खतरा दो अंतिम कौशांबीवर्षा कम होने एवं जल संरक्षण समुचित रूप से ना किए जाने के कारण नदी की वर्षा के दिनों में ही पानी रुक पाता है। साल के लगभग आठ महीने नदी सूखी पड़ी रहती है। नदी का जिओ तारना होने और बारिश के पानी का सही ढंग से संचयन ना होने वजह से यहां के किसानों वन्य जीव एवं पालतू पशुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वर्षा जल संचयन के लिए ससुर खदेरी नदी पर लघु सिंचाई विभाग से करोड़ों लागत से सिराथू मंझनपुर नेवादा और चैनल विकासखंड क्षेत्रों में चेक डैम का निर्माण कराया गया लेकिन अल्पावधि में ही चेक डैम में दरारे आ गई हैं जिससे वर्षा का पानी बेहतर यमुना नदी में चला जाता है। नदी का अस्तित्व बचाने के लिए नदी में नए सिरे से निर्धारित दूरियों में बांध बनाए जाना आवश्यक है। साथ ही नदी की तली की सफाई एवं नदी को अतिक्रमण मुक्त कराया जाना भी आवश्यक है। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा का कहना है कि नदी की सफाई एवं उसके क्षेत्र को गहरा और चौड़ा करा कर किनारों पर पौधे लगाने की योजना है। जल्द ही तली की खुदाई का कार्य शुरू कराया जाएगा। जिन व्यक्तियों ने अवैध रूप से नदी पर कब्जा किया है, उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी और इस ऐतिहासिक नदी के अस्तित्व को बनाए रखने का पूरा प्रयास प्रशासन द्वारा किया जाएगा।सं प्रदीपवार्ता