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उत्तर प्रदेश-किसान सम्मान दो अंतिम वाराणसी

श्री शाही ने कहा कि आज खाद्यान्न में हमारा देश एवं प्रदेश आत्मनिर्भर हुआ है। इसके लिए वह किसानों का अभिनंदन करते हैं। प्रदेश में गत दो वर्ष में सभी प्रकार के फसलों के उत्पादन में भारी वृद्धि दर्ज की गई है। तिलहन का प्रदेश में रिकॉर्ड उत्पादन हुआ। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार के लिए उत्तर प्रदेश को चुना गया है। यह प्रदेश के किसानों के लिए गौरव की बात है।
उन्होंने कहा कि राज्य में गत वर्ष 37 लाख मैट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई, जो इससे पूर्व वर्षों से कई गुना अधिक है। इस वर्ष भी खरीद का समय 25 जून 2019 तक कर बढ़ा दिया गया है ताकि गेहूं बेचने के इच्छुक प्रत्येक किसान को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके।
कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों की कृषि लागत घटाने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान पर बीज एवं कृषि यंत्र की उपलब्ध कराये गए हैं। कृषि यंत्रों की खरीद की प्रक्रिया सरल की गई है। किसान ‘आईएसआई मार्का’ यंत्र अपनी इच्छा से किसी वैध डीलर से खरीद सकता है। छूट की रकम किसानों के खाते में सीधे भेज दी जाएंगी।
उन्होंने कहा कि ऑर्गेनिक कार्बन बढ़ाने के लिए 20 हजार कुन्तल ढैंचा बीज किसानों को भेजा गया है। वाराणसी में मिर्च एवं आम की फसल तथा गाजीपुर में टमाटर, हरी मटर एवं मिर्च की फसल को बीमा में शामिल किया गया है।
श्री शाही ने कहा कि खरीफ-2019 में उत्पादकता बढ़ाने तथा किसानों की आय दोगुनी करने के लिए हर स्तर पर किसानों की सहायता के लिए अनेक योजनाएं लागू की गई हैं। किसान पाठशाला, उर्वरक एवं बीज की उपलब्धता, कृषि वैज्ञानिकों के साथ सीधे बात कराने की व्यवस्था, मृदा परीक्षण, फसली ऋण, किसान सम्मान निधि में आर्थिक सहायता देने आदि कार्य किए जा रहे हैं।
इस मौके पर कृषि विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि सरकार द्वारा अभी हाल में पढ़े-लिखे युवक-युवतियों के लिए कृषि निर्यात में सहायता योजना लागू की गई है। इसमें कृषि निर्यात कोर्स करने के लिए 50 हजार तथा कोर्स पूरा होने पर निर्यात व्यवसाय शुरू करने के लिए डेढ़ लाख रुपया ब्याज मुक्त कर्ज दिये जाने का प्रावधान किया गया है। पहला 10 लाख रुपए का निर्यात करने पर यह दो लाख मुक्त हो जाएगा तथा दूसरा 10 लाख रुपए का निर्यात कार्य करने पर फिर 50 हजार रुपये का लाभ मिलेंगे। यह योजना मंडी परिषद द्वारा लागू की गई है।
बीरेंद्र त्यागी
वार्ता
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