लखनऊ 15 जून, (वार्ता) उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक नेे कहा कि परिजनों को अपने वृद्धजनों से संबंधों को सहेजने की जरूरत है।
शिया पीजी कालेज, में शनिवार को अन्तर्राष्ट्रीय वृद्धजन दुव्र्यवहार जागरूकता दिवस पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुये श्री नाईक ने कहा कि बढ़ती उम्र में वृद्धजनों की पीड़ा को समझें और उसके अनुसार व्यवहार करें। बुजुर्गों से प्रेम और आदर से पेश आयें, वे केवल दया के पात्र नहीं होते बल्कि उनका जीवन हमारे लिये प्रेरणा पुंज के समान होता है। उन्होंने कहा कि युवाओं में मानवीय गुणों का समावेश किया जाना चाहिए।
श्री नाईक ने कहा कि बच्चे पढ़ लिखकर नौकरी के लिये दूर जाते हैं, जिससे माँ-बाप से भी दूरी हो जाती है। दोनों एक दूसरे को समझे केवल पैसे से दायित्व पूरा नहीं होता, आपसी भावनात्मक बन्धन जरूरी है। बुजुर्गों को खुशी बच्चों के प्यार और सम्मान से मिलती है। हर व्यक्ति की अपनी समस्या है और समस्या का हल निकालना ही समस्या का अन्त है। जो समस्या का हल निकालता है वही सफल होता है। दुखी हाने से नहीं बल्कि सकारात्मक विचार ही से समाधान निकलता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए न्यायमूर्ति श्री कमलेश्वर नाथ ने कहा कि परिवार में प्रेम का संचार होना चाहिए। छोटे-बड़े एक दूसरे के प्रति आदर व प्रेम प्रदर्शित करें। उन्होंने कहा कि केवल कानून से नहीं स्वयं के व्यवहार में परिवर्तन लाने से बदलाव आता है।
कार्यक्रम में न्यायमूर्ति श्री एस0सी0 वर्मा, डा0 यासूब अब्बास, डा0 रामजस यादव, प्रधानाचार्य प्रो0 तलत हुसैन ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर वृद्धजनों को अंग वस्त्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
प्रदीप
वार्ता