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धर्मयात्रा नहीं राजनीति करने आये है ठाकरे : अंसारी

धर्मयात्रा नहीं राजनीति करने आये है ठाकरे : अंसारी

अयोध्या, 16 जून (वार्ता) राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के पक्षकार मोहम्मद इकबाल अंसारी ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के अयोध्या दौरे पर नाराजगी जताते हुये कहा कि यह एक राजनेता की धर्म यात्रा नहीं बल्कि विशुद्ध रूप से राजनीति है।

श्री अंसारी रविवार को अपने निवास पर यूनीवार्ता से बातचीत करते हुए कहा कि रामजन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है। इसलिये दोनों पक्षों को अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिये। उन्होंने कहा कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की अयोध्या यात्रा पूर्ण रूप से राजनीति से प्रेरित है। अयोध्या धर्मनगरी है। यहां सरयू स्नान, हनुमानगढ़ी और रामलला का दर्शन करना अच्छी बात है लेकिन 18 सांसदों के साथ अयोध्या आना, यह धर्म नहीं बल्कि राजनीति है।

उन्होने कहा कि बाबरी मस्जिद एवं रामजन्मभूमि की राजनीति न करें तो बेहतर है। इस मामले को हल करने के लिये उच्चतम न्यायालय ने पैनल बनाया है। वही पैनल हिन्दू और मुसलमान पक्षकारों को बुला रहे हैं। अयोध्या एक धार्मिक स्थल है लेकिन नेता यहां केवल राजनीति करने आते हैं। अपने मकसद के लिये वो रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद की राजनीति करते हैं।

बाबरी के पक्षकार ने कहा कि अयोध्या साधु-संतों का शहर है और जहां साधु-संत होते हैं वहां शांति होती है।

मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो दोनों पक्षों को अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिये लेकिन हिन्दू पक्ष को कोर्ट पर विश्वास नहीं है। यह वही लोग हैं जो संविधान को नहीं मानते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने समस्या के समाधान के लिये मध्यस्थता पैनल बनाया है और इस मामले पर अपना काम कर रहा है। इन लोगों को थोड़े दिन का और सब्र करना चाहिये।

उन्होंने कहा कि मंदिर-मस्जिद पर कोई ऐसा बयानबाजी नहीं होना चाहिये जिससे किसी एक पक्ष पर ठेस पहुंचे बल्कि ऐसा बयान होना चाहिये जो हिन्दुस्तान एक सौहार्द वातावरण के रूप में जाना जा सके। सं प्रदीप

वार्ता

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