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न्यायालय अयोध्या फैसला दो अंतिम प्रयागराज

श्री योगी ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुये कहा कि बरी किये गये एक आरोपी के मामले में कानूनी सलाह लिये जाने की जरूरत है। उन्होने कहा “ कानूनी सलाह ली जायेगी और जरूरी कार्रवाई भी होगी। ”
पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को हमले की साजिश रचने और आतंकवादियों को गोली बारूद समेत अन्य साजोसामान मुहैया कराने के आरोप में गिरफ्तार किया था । आतंकवादी हमले को अंजाम देने वाले पांच आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया था।
सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ के दौरान ने जैश ए मोहम्मद के पांच आतंकवादियों के अलावा दो स्थानीय रमेश पांडा और शांति देवी भी मारे गये थे। इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ के सात जवान घायल हुये थे। पुलिस ने इस मामले में इरफान,आशिक इकबाल,शकील अहमद,मोहम्मद नसीम और मोहम्मद अजीज को गिरफ्तार किया था जिन्हे इलाहाबाद की नैनी जेल में रखा गया था। इरफान यूपी के सहारनपुर जिले का निवासी है जबकि अन्य जम्मू कश्मीर के पूंछ जिले के रहने वाले हैं।
इस मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के 64 गवाहों के बयान दर्ज किये गये। करीब 14 साल चले ट्रायल में 371 तारीखों में वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये नैनी जेल से सुनवाई हुयी।
तीन अगस्त 2005 को आसिफ इकबाल,मो अजीज,मो नसीम और शकील अहमद को हमले में संदिग्ध संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया था जबकि इरफान खान को कुछ दिनो बाद गिरफ्तार किया गया। अभियोजन पक्ष के अनुसार पांच जुलाई 2005 को हथियारबंद आतंकवादियों ने विवादित रामजन्मभूमि परिसर में हमला बोल दिया था। सुरक्षा बलों और दहशतगर्दो के बीच करीब एक घंटे तक गोलीबारी हुयी।
आतंकवादी नेपाल के रास्ते दाखिल हुये थे। उन्होने श्रद्धालुओं के वेश में अयोध्या मे प्रवेश किया था। वे टाटा सूमो पर सवार होकर आये थे जबकि बाद में फैजाबाद में वे जीप पर सवार हो लिये थे। जीप रेहान आलम अंसारी चला रहा था।
प्रदीप
वार्ता
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