राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Jun 19 2019 4:40PM योग शिक्षा की अनिवार्यता पर बल दे सरकारें : भारत भूषण
सहारनपुर, 19 जून (वार्ता) पद्मश्री से सम्मानित अंतर्राष्ट्रीय योग गुरु भारत भूषण ने कहा है कि तन मन को स्वस्थ रखने में सहायक योग शिक्षा को अनिवार्य करने के लिये केन्द्र और राज्यों की सरकारों को पहल करनी चाहिये।
योग गुरू ने बुधवार को कहा कि योग सनातन धर्म संस्कृति, दर्शन अथवा आध्यात्म तक ही सीमित नहीं रह गया हैं बल्कि विश्व के कई देशों ने योग की उपयोगिता को जान कर उसे अपनी जीवनशैली का अभिन्न अंग बना लिया है। विश्व के 207 देशों में जिनमें 47 मुस्लिम देश भी शामिल हैं ने योग को मान्यता दी है। उनके संस्थान का शफीक आलम सबसे लंबा शंख बजाने वाला है।
उन्होने कहा कि चीन और अमेंरिका में जिस तेजी के साथ भारतीय शैली के योग की मांग बढ़ रही है उसे देखते हुए केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को योग को शिक्षा के पाठ्यक्रम का अनिवार्य विषय बनाने में पहल किए जाने की जरूरत है।
भारत भूषण ने कहा कि विदेशी योग को भारतीय शैली में अपनाना चाहते हैं। योग भारत की पाँच हजार साल पुरानी परंपरा है। योग संस्कृत के युज् शब्द से बना है जिसका अर्थ है मिलन। योग शारीरिक कसरत मात्र नहीं है। यह तन और मन को साधने से पूरा होता है। भारत योग में पारंगत और सिद्ध योगाचार्यों को पैदा करें और उन्हें विश्व की करोड़ों की आबादी की सेवा में भेजने को तत्पर रहे। हालांकि इस दिशा में बहुत काम किये जाने की आवश्यकता है।
सं प्रदीप
वार्ता