राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Jun 24 2019 12:55PM लोकरूचि आपातकाल कमांडर तीन अंतिम इटावाकंमाडर 1957 के बाद 1962 और 1977 मे भी इटावा के सांसद निर्वाचित हुए लेकिन उनकी चंबल घाटी मे रेल संचालन की योजना को किसी भी स्तर पर शुरूआत नही हो सकी लेकिन कंमाडर के चंबल रेल संचालन की योजना को 1986 सिंधिया परिवार के चश्मोचिराग माधव राव सिंधिया ने पूरा करने का बीडा उठाते हुए देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ रखा जिस पर तत्कालिक तौर पर अमल शुरू हो गया । श्री भदौरिया के पुत्र सुधींद्र भदौरिया का कहना है कि उनके पिता ने चंबल मे आजादी के आंदोलन के दौरान जो तकलीके देखी थी,उनको दूर करने की दिशा मे सांसद बनने के बाद कई अहम निर्णय लेते हुए उनको दूर करने की दिशा मे काम किया । उन्होने बताया कि जब उनके पिता इटावा के सासंद हुआ करते थे तब इटावा का दायरा फिरोजाबाद से लेकर बिल्हौर तक हुआ करता था । वो कहते है उनको आज भी याद है कि चंबल नदी पर पुल का निर्माण नही था तब पीपे के पुल बना हुआ था जब कभी भी चंबल के पार जाना होता था तब पीपे के पुल के ही माध्यम से जाना हुआ करता था । सं प्रदीपवार्ता