लखनऊ 26 जून (वार्ता) उत्तर प्रदेश के प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने कहा कि यूनिवर्सिटी इंडस्ट्री इंटरफेस सेल की बदौलत अब तक 20 हजार से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जा चुके है।
प्राविधिक शिक्षा विभाग की उपलब्धियों का बखान करते हुये श्री टंडन ने बुधवार को पत्रकारों से कहा कि डिग्री धारक इंजीनियरिंग छात्रों के लिये इस वर्ष ट्रेनिंग और प्लेसमेंट का कार्य युद्ध स्तर पर किया गया है। इस काज को गति देने के लिये यूनीवर्सिटी इंडस्ट्री इंटरफेस (यूआईआई) सेल का गठन किया गया है जिसकी बदौलत अब तक 20 हजार से अधिक रोजगार के अवसर पूल कैंपस ड्राइव्स के जरिये छात्र छात्राओं को उपलब्ध करवाये जा चुके है।
उन्होने बताया कि वर्ष 2022 तक सभी राजकीय और अनुदानित संस्थानो को नेशनल बोर्ड आफ एक्रिडियेशन (नेबीए) से मान्यता दिलाने की दिशा में सरकार संजीदगी से आगे बढ़ रही है। राजकीय संस्थानो के अलावा निजी संस्थानो को एबीए से एक्रिडियेशन की पहल की गयी है और पहले चरण में 50 निजी संस्थानो को चयनित कर उनके मेंटर और मेंटी संस्थान नियुक्त किये गये हैं।
श्री टंडन ने कहा कि सरकार का लक्ष्य प्राविधिक शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करना है। उत्तर प्रदेश में डिग्री छात्रों की एक लाख 60 हजार सीटों के सापेक्ष 75 से 80 हजार सीटों पर छात्रों ने प्रवेश लिया है जिनमे 60 से 70 फीसदी छात्रों को रोजगार के अवसर मुहैया कराये गये। पालीटेक्निक छात्रों में 45 फीसदी को रोजगार के अवसर मिले। एमजान,गूगल और आईबीएम जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने उत्तर प्रदेश के छात्रों के प्रति अपनी दिलचस्पी जाहिर की है।
उन्होने बताया कि प्राविधिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत तीन विश्वविद्यालय, 14 राजकीय/अनुदानित,घटक संस्थान, 600 निजी कालेजों में करीब ढाई लाख छात्र अध्य्यनत है जबकि 147 राजकीय,19 अनुदानित और 1117 निजी पालीटेक्निक संस्थाओं ने सवा दो लाख से अधिक छात्र पढ रहे है। छात्रों की इतनी बडी तादाद होने के बावजूद डिग्री सेक्टर का परिणाम परीक्षा समाप्त होने के एक महीने के भीतर और डिप्लोमा का परिणाम 45 दिन के भीतर घोषित किया जा रहा है।
प्रदीप
वार्ता