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वाराणसी में ‘गांव का पानी, गांव में’ पर कार्यशाला

वाराणसी, 28 जून (वार्ता) उत्तर प्रदेश के वाराणसी में पर्यावरण रक्षा अभियान के तहत ‘गांव का पानी, गांव में’ परिकल्पना साकार करने के उद्देश्य से शुक्रवार को यहां ग्राम प्रधानों की एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने ग्राम प्रधानों से जल संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की अपील करते हुए कहा कि बारिश में ‘गांव का पानी गांव में’ की परिकल्पना के साथ तालाबों एवं कुंओं के अलावा तमाम ऐसे उपाये प्राथमिकता के आधार पर किये जाएं, जिनसे जल संरक्षण को बढ़ावा मिल सके। खाली जमीनों पर वृक्षारोपण एवं उनके आस-पास खाई खुदवायें, ताकि पानी का संचय हो। हर हैंडपंप के पास सोख्ता गड्ढा बनवाने की व्यवस्था की जाए।
बड़ा लालपुर स्थित पंडित दीन दयालय हस्तकला संकुल सभागार में आयोजित एक दिवसीय इस कार्यशाला में श्री सिंह ने कहा कि पानी की बर्बादी रोकने के लिए उचित कार्रवाई की जाए। सिंचाई में पानी की बचत के लिए किसानों को 90 फीसदी छूट के साथ ‘स्प्रिंकलर सेट’ एवं अन्य आधुनिक सिंचाई संयंत्र उपब्ध करायी जा रही हैं।
श्री सिंह की ग्राम प्रधानों की हौसला आफजायी करते हुए कहा कि गांवों के विकास एवं उत्थान में उनकी भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आप लोगों के द्वारा जमीनी स्तर पर आमूल परिवर्तन लाया जा सकता है। गत पांच वर्षों में वाराणसी के शहर एवं गांव में बहुत काम हुए हैं जिसको पूरी दुनियां महसूस कर रही है।
उन्होंने कहा कि पॉलिथीन, थरमोकोल प्रतिबंधित हैं। इसे ग्राम पंचायतें सख्ती से लागू करें एवं जरूरत पड़ने पर जुर्माना लगाएं। शौचालयों के लिए लाभार्थी, पैसा, सामान, राजमिस्त्री सभी उपलब्ध हैं। इसके बाद भी काम में विलंब हो तो संबंधित लोगों को नोटिस दिये जाएं। इसके बाद भी शौचालय नहीं बने तो संबंधित लोगों से पैसे वापस ले लिया जाए। हर ग्राम पंचायत एक माह में अपना कार्यालय बनाए। वही काम करें एवं रिकॉर्ड सुरक्षित रखें।
जिलाधिकारी ने कहा कि सरकारी जमीनों पर अवैध बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने एसडीएम स्तर के अधिकारियों से कहा कि वे अपने तहसील के सर्वाधिक अवैध कब्जे वाले गांवों को चिन्हित कर तत्काल कब्जा मुक्त कराएं। आवश्यकता पड़ने पर प्राथमिकी दर्ज करायीं जाए। श्री सिंह ने कहा कि चारागाह की जमीनों पर सामाजिक सहयोग से निराश्रित पशुओं के आश्रय स्थल बनवाया जायें। सड़कों पर मवेशियों को बांधने पर जुर्माना लगाएं। निराश्रित पशुओं के लिए सामाजिक सहयोग से भूसा बैंक बनाए। ग्रामीणों को श्रमदान के लिए प्रोत्साहित कर सार्वजनिक कार्य कराया जाए।
श्री सिंह ने कहा कि शौचालय के लिए चयनित व्यक्ति यदि स्वयं से शौचालय निर्माण करवाना चाहें, तो उन्हें धनराशि जारी दी जाएगी।
उन्होंने इस वर्ष हर प्राथमिक विद्याल में ‘स्मार्ट क्लास’ शुरू किए जाएंगे। आंगनवाड़ी केंद्रों पर नर्सरी, एलकेजी की कक्षाएं शुरू होंगी।
कार्यशाला में जैविक एवं अजैविक अपशिष्ट को अलग रखने तथा उनके समुचित प्रबंधन के बारे में बताया गया। तरल अपशिष्ट भी काला पानी, भूरा पानी की श्रेणी में विभाजित कर प्रबंधन के तरीके बताए गए।
जिलाधिकारी ने बेहतरीन काम करने वाले प्रधानों, पंचायत सचिवों को प्रमाण पत्र एवं नगद धनराशि से सम्मानित कर उनकी हौसला आफजायी की।
बीरेंद्र त्यागी
वार्ता
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