राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Jul 12 2019 6:33PM किसानों की आय वृद्धि के लिए सहकारिता विभाग की कोशिशें तेजदेवरिया,12 जुलाई (वार्ता) उत्तर प्रदेश में किसानों की आय वृद्धि करने के लिए सहकारिता विभाग ने अपनी कोशिशें तेज कर दी है। आधिकारिक सूत्र ने शुक्रवार को यहां बताया कि सहकारी क्षेत्र की संस्थाओं की प्रगति, सुधार और उनके कामकाज को अधिक से अधिक स्वायत्तता प्रदान करने की दृष्टि से राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। कृषि उत्पादों की परिभाषा को विस्तारित करके और अधिक व्यापक किया गया है। सूत्रों ने बताया कि पोल्ट्री, फिशरीज, वानिकी, हार्टीकल्चर, पशुपालन, खाद्य एवं अखाद्य तेलों, पशु आहार एवं ग्रामीण शिल्प एवं खेती बाड़ी से जुड़ी गतिविधियों को भी सम्मिलित करते हुए सहकारिता विभाग सहयोग दे रहा है। इससे उसका दायरा बढ़ा है और किसानों का काफी लाभ हुआ है। किसानों एवं खेतिहरों के उत्थान व उनके सर्वांगीण विकास के लिए सहकारिता एक बेहतर माध्यम है। सहकारिता विभाग के अन्तर्गत विशेष रूप से निर्बल वर्ग के किसानों को अल्पकालीन फसली ऋण, उर्वरक एवं उन्नतशील बीज कृषियन्त्र आदि का वितरण कम दर पर किया जाता है। कृषकों को फसल उगाने एवं उनकी आय में वृद्धि करने के लिए सहकारी साख का त्रिस्तरीय ढाँचा है, जिसमें प्रदेश स्तर पर उप्र कोआपरेटिव बैंक लि, जिला स्तर पर 50 जिला सहकारी बैंक और न्याय पंचायत स्तर पर 7,479 प्रारम्भिक कृषि ऋण सहकारी समितियाँ कार्यरत हैं। इसके साथ ही दीर्घकालीन ऋण वितरण का कार्य भी उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक की कुल 323 शाखाओं के माध्यम से किया जाता है। सं प्रदीपजारी वार्ता