राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Jul 19 2019 6:12PM अपराध-फर्जी शिक्षक दो अंतिम लखनऊश्री पंकज ने बताया कि मुखबिर ने एसटीएफ की गोरखपुर फील्ड इकाई को बताया कि अश्वनी श्रीवास्तव अपने साथी मुक्तिनाथ से मिलने देवरिया उसके आवास पर आयेगा तथा यह भी बताया कि मुक्तिनाथ बड़हलगंज गाेरखपुर में फर्जी अंक-पत्र एवं दस्तावेज के आधार पर नौकरी कर रहा है। उन्होंने बताया कि सूचना मिलने ही एसटीएफ की टीम ने गुरुवार रात करीब 1100 बजे देवरिया कोतवाली पुलिस को साथ लेकर दानौपुर गांव से मुक्तिनाथ के घर से अश्वनी को भी गिरफ्तार कर लिया। उसने पूछताछ पर बताया कि उसके पिता का असली नाम लक्ष्मीशंकर श्रीवास्तव है तथा उसने अश्वनी कुमार श्रीवास्तव का अंक पत्र एवं दस्तावेज उसके मित्र कस्तुरी पाण्डेय वर्ष-2015 में उसकी मृत्यु हाे चुकी है ने दिया था। इसी फर्जी दस्तावेज के आधार पर अश्वनी ने अपनी एक अलग पहचान बना ली और दूसरे अश्वनी के फर्जी पहचान पत्र उसने स्वयं अपने कम्प्यूटर से बनाये थे। श्री पंकज ने बताया कि राकेश सिंह के कहने पर वह वर्ष-2010 से फर्जी अंक पत्र/प्रमाण पत्र/दस्तावेज बना रहा है। अब तक वह कई लोेगों के फर्जी दस्तावेज बना चुका है। अश्वनी से बदामद जून 2011 के प्रमाण पत्र के बारे में पूछने पर बताया कि उसने नौकरी पाने के लिए फर्जी तरीके से बनाया था और उसका प्रयाेग कर नौकरी कर रहा है। कुछ अध्यापकाें के बारे में बताया कि उनका भी का प्रमाण पत्र में फर्जी बनाया है। उन्होंने बताया कि अन्य फर्जी शिक्षकों के बारे में पता लगाया जा रहा है। गिरफ्तार दोनों आरोपियों को कोतवाली देवरिया में दाखिल करा दिया । आरोपियों को अदालत में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है। गौरतलब है कि पूर्वाचंल में बड़ी संख्या में फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर शिक्षकों की भर्ती होने के मामले प्रकाश में आये हैं। इसके पहले कई शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है।त्यागीवार्ता