प्रयागराज, 29 जुलाई (वार्ता) गंगा-जमुनी तहजीब कहे जाने वाला शहर प्रयागराज में सावन के दूसरे सोमवार को कांवडियों पर पुष्प की वर्षा कर मुस्लिमो ने भाईचारा की एक नयी नजीर पेश की है।
प्रयागराज और गोरखपुर को जोड़ने वाला गंगा पर बना शास्त्री पुल पर एकत्रित मुस्लिम युवा और बुजुर्गों ने आपसी भाईचारा कायम रखने की एक नयी इबारत पेश की। कांवड लेकर द्वादश ज्योर्तिलिंग में से एक काशी विश्वनाथ
जा रहे कांवडियों पर युवा मुस्लिम ने गुलाब के फूल की वर्षा शुरू कर उनका स्वागत किया, वहीं बुजुर्ग नमाजियों ने उनमें फल वितरित कर उनके मंगल यात्रा की कामना की।
राष्ट्रीय कांग्रेस के महानगर सचिव हसीब अहमद ने कहा कि सांझी संस्कृति वाला शहर प्रयागराज वर्षों से गंगा जमुनी तहजीब के लिए जाना जाता रहा है। गंगा और यमुना की दो ओर से आयी और अदृश्य सरस्वती के उद्गम धाराओं और एक तीनो की सम्मिलित धारा से ही त्रिवेणी हो जाती है।
प्रयागराज या इलाहाबाद वह स्थल जहां सभी मजहब के लोगों कुंभ और माघ में आना होता है। कुछ तो इसके जल को आचमन भी करते हैं। कुछ लोग हिन्दू-मुस्लिम भाई चारे में जहर घोलने का काम करने का प्रयास करते रहे हैं लेकिन वो अपने मनसूबों में कभी सफल नहीं होंगे।
इस अवसर पर नुरूल कुरैशी, महताब खां, इस्तियाक अहमद, मोहम्मद हसीन रिंकू तिवारी, इम्तेयाज अहमद आदि कई वरिष्ठ नमाजी उपस्थित थे।
दिनेश त्यागी
वार्ता