राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Aug 12 2019 3:20PM कुशीनगर में उठी नयी चीनी मिल लगाने की मांगकुशीनगर 12 अगस्त (वार्ता) उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में चीनी मिल की स्थापना के लिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेत्री सुनीता गौड़ ने पत्र में लिखा है जिले में 300 एकड़ जमीन पर रेशम उत्पादन पडरौना तहसील के अंतर्गत किया जाता है जबकि रेशम का उत्पादन समुचित रुप से नहीं हो पा रहा है। इसी तरह जिले में गन्ना शोध संस्थान के रूप में पडरौना तहसील के लक्क्षमीपुर में स्थित है जिसका फार्म लगभग 70 एकड़ है। इस जमीन का उपयोग चीनी मिल निर्माण किया जा सकता है क्योंकि एक चीनी मिल लगाने में लगभग 60 एकड़ जमीन की आवश्यकता पड़ती है। गौड़ ने लिखा है कि कुशीनगर जिले में सर्वाधिक क्षेत्र में गन्ना का उत्पादन किया जाता है। गौरतलब है कि देवरिया जिले से अलग होने से पहले पडरौना में गन्ना की बुआई सबसे अधिक क्षेत्रफल में होती थी। जिले में नौ चीनी मिलें लगी थी जिसमें सेवरही, कटकुईयां, पडरौना ,रामकोला खेतान, रामकोला त्रिवेणी, लक्षमीगंज, कपतानगंज, खड्डा, छितौनी स्थापित थी। जिसमें कटकुईयां और पडरौना चीनी मिल ब्रिटिश इंडिया कार्पोरेशन की लगी थी जो बंद हो गई। इसी तरह रामकोला खेतान,लक्षीगंज, खड्डा, छितौनी में स्थित चीनी मिलें उत्तर प्रदेश राज्य चीनी निगम की लगी थी। इन सभी बंद चीनी मिलों का गन्ना क्षेत्रफल घटा नहीं बल्कि कुशीनगर के गन्ना किसान अपने गन्ने को पेराई करके गुड़ के रूप में उत्पादन करने लगे। इससे गन्ने किसानों का आर्थिक विकास पूर्व की भांति न हो कर कम होने लगा। और उधर धीरे धीरे सरकारी सभी चीनी मिल फैक्ट्रियां बंद होने लगी जिससेे जिले का गन्ना किसान आर्थिक रूप से कमजोर होने लगे। भाजपा नेत्री ने पत्र में लिखा है कि अपनी भाजपा की सरकार गन्ने किसानों को आर्थिक रूप से मज़बूत देखना चाहती है। इस कार्य के लिए एक और चीनी मिल लगाने की महती आवश्यकता है।सं प्रदीपवार्ता